7th Pay Commission Latest News in Hindi: हिमाचल प्रदेश सरकार ने होमगार्ड का दैनिक मानदेय 208 रुपए बढ़ाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में जारी एक बयान में कहा कि दैनिक मानदेय 675 रुपए से बढ़ाकर 883 रुपए किए जाने से राज्य में लगभग पांच हजार होमगार्ड कर्मियों को फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि होमगार्ड को अब हर महीने मानदेय के तौर पर 20,258 रुपए की जगह 26,492 रुपे मिलेंगे। ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार को होमगार्ड के मानदेय पर अब हर महीने लगभग तीन करोड़ रुपए, जबकि प्रतिवर्ष 34 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे। हिमाचल प्रदेश सरकार पहले ही अपने सभी कर्मचारियों के लिये छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर चुकी है।

इस बीच, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने एक आदेश जारी कर कहा है कि कार्य स्थल से तीन दिन तक अनुपस्थित पाए जाने वाले नगर निकाय के कर्मचारियों को निलंबित कर दिया जाएगा। सिविल लाइन जोन के उपायुक्त कार्यालय की ओर से यह आदेश 26 मई को जारी किया गया, जिसमें यह भी कहा गया है कि पूर्व अनुमति के बगैर अनुपस्थित पाए जाने वाले कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा।

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आदेश के अनुसार, ‘‘बगैर किसी देरी के जनसेवाएं समय पर पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए यह निर्देश दिया जाता है कि सभी अधिकारी सुबह नौ बजे तक कार्यालय में उपस्थित हो जाएं।’’ मीडिया के एक वर्ग में ऐसी खबरें आती रही हैं कि कर्मचारी देर से कार्यालय पहुंचते हैं। आदेश में यह भी कहा गया है, ‘‘अगर कोई कर्मचारी तीन बार अनुपस्थित पाया गया तो उसे फौरन निलंबित कर दिया जाएगा और उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’’

इसमें यह भी कहा गया है कि सभी कर्मचारी एनआईसी (एमसीडी) स्मार्ट ऐप में अपनी उपस्थिति दर्ज करें। उल्लेखनीय है कि एकीकृत एमसीडी 22 मई से औपचारिक रूप से अस्तित्व में आया है। इसमें उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को मिलाकर एक कर दिया गया है।

माहवारी के दौरान वेतन सहित अवकाश की मांग: वहीं, ओडिशा के संबलपुर शहर में एलएलएम की एक छात्रा ने सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दौरान वेतन सहित अवकाश की मांग करते हुए एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है। भारी धातु उद्योग में काम कर चुकीं रंजीता प्रियदर्शिनी ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव से महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म के दौरान वेतन सहित अवकाश प्रदान करने का आग्रह किया है।

रंजीता प्रियदर्शिनी ने इस संबंध में ओडिशा के श्रम एवं रोजगार मंत्री सुशांत सिंह को एक याचिका भी सौंपी है। रंजीता ने शनिवार को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मासिक धर्म के दौरान काम करने से होने वाली असुविधा पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। मैं पुरुषों और महिलाओं के लिए एक जैसे सम्मान की मांग करती हूं, क्योंकि मासिक धर्म के दौरान एक तिहाई कार्यबल शारीरिक और मानसिक दबाव में काम करना जारी रखता है।”

उन्होंने कहा, “हम मासिक धर्म के लिए महीने में सिर्फ एक दिन की वेतन सहित छुट्टी की मांग कर रहे हैं, क्योंकि 99 प्रतिशत महिलाओं को 24 घंटे के लिए अधिकतम दर्द का सामना करना पड़ता है।” कानून की छात्रा रंजीता ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-15(3) और अनुच्छेद-42 के अनुसार राज्य को महिलाओं को काम के लिए न्यायसंगत और मानवीय स्थिति प्रदान करने के लिए विशेष प्रावधान करना चाहिए।

प्रियदर्शिनी ने कहा कि इस तरह की छुट्टी की मांग करने में उन्हें कोई शर्म नहीं है और महिलाओं से याचिका पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत में 12 कंपनियां मासिक धर्म के दौरान वेतन सहित छुट्टी की सुविधा दे रही हैं। इसलिए, सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में इसे लागू करने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।