7th Pay Commission: कर्नाटक सरकार ने मंगलवार (पांच अप्रैल, 2022) को राज्य सरकार के कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ते (डियरनेस अलाउंसः डीए) की दरों को इस साल एक जनवरी से मौजूदा 24.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 27.25 प्रतिशत करने का आदेश जारी किया है।
राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक, “सरकार साल 2018 के संशोधित वेतनमान में राज्य सरकार के कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ते की दरों को जनवरी 2022 से मौजूदा 24.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 27.25 प्रतिशत कर रही है।”
कर्नाटक सरकार की मानें तो ये निर्देश नियमित वेतन दरों पर पूर्णकालिक सरकारी कर्मचारियों, जिला पंचायत कर्मचारियों और कार्यभारित कर्मचारियों पर लागू होंगे। साथ ही इसते तहत सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में मानक वेतन अनुसूची पर पूर्णकालिक कर्मचारी भी कवर होंगे।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस बाबत एक ट्वीट किया, ”राज्य सरकार के कर्मचारियों के डीए को एक जनवरी से 2.75 फीसदी (मूल वेतन का) बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसके लिए सरकार 1,447 करोड़ रुपये सालाना का खर्च वहन करेगी।”
वैसे, राज्य सरकार के इस फैसले से पहले केंद्र सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी का ऐलान किया था। 30 मार्च, 2022 को जारी सरकारी अधिसूचना के अनुसार, उन कर्मचारियों के डीए की रकम को तीन प्रतिशत बढ़ा दिया गया था। यानी इन कर्मचारियों का डीए 31 फीसदी से बढ़कर अब 34 प्रतिशत कर दिया गया है।
दरअसल, बढ़ती महंगाई की भरपाई के लिए सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाता है। मंगलवार को घोषित किए गए निर्णय से सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों के लिए उपलब्ध रकम में वृद्धि होगी। डीए वृद्धि से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी लाभ होगा जो यूजीसी/एआईसीटीई/आईसीएआर वेतनमान पर पेंशन प्राप्त करते हैं।
आदेश के मुताबिक यह बातें रखनी होंगी ध्यानः यह आदेश महंगाई भत्ते में वृद्धि की अनुमति देता है जो नकद में देय है। महंगाई भत्ते के लिए भुगतान जिसमें 50 पैसे या उससे अधिक के अंश शामिल हैं, को अगले रुपये में पूर्णांकित किया जाना चाहिए, जिसमें 50 पैसे से कम के अंश को छोड़ दिया जाए। महंगाई भत्ते के बकाया का भुगतान किया जाएगा। मार्च 2022 के महीने में वेतन संवितरण (Salary Disbursement) की तारीख से पहले भुगतान नहीं किया जाएगा।
क्या होता है डीए?: महंगाई भत्ता पेमेंट के एक अलग घटक के रूप में माना जाता है। यह किसी भी उद्देश्य के लिए वेतन नहीं माना जाता है। महंगाई भत्ता/महंगाई राहत केंद्र/राज्य सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को जीवन यापन और सुरक्षा की बढ़ती लागत को समायोजित करने में मदद करने के लिए किया जाने वाला भुगतान होता है।