दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को इस बात से थोड़ा सुकून मिला होगा कि उनका एक महीने का वेतन और पेंशन जारी कर दिया गया है। हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि इससे कोई खास फायदा नहीं होगा। महंगाई और रोज की जरूरतों को देखते हुए उनका संकट तो बरकरार ही है।

एमसीडी की ओर से बताया गया है कि “निगम ने 432.84 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध कराई है।” नगर निगम के अफसरों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही बकाया वेतन और पेंशन भी जारी कर दी जाएगी।

मीडिया सूत्रों के मुताबिक कानफेडरेशन ऑफ म्युनिसिपल कारपोरेशन ऑफ दिल्ली इंप्लाइज यूनियन (CMCDEU) के संयोजक एपी खान ने कहा कि एमसीडी के एकीकरण के बावजूद आर्थिक दिक्कतें बनी हुई हैं।

उन्होंने कहा कि, “यह एक महीने का वेतन केवल इसलिए जारी किया गया है क्योंकि दिल्ली सरकार ने उन्हें फंड दिया है। नागरिक निकाय अभी भी अपने कर्मचारियों को बकाया भुगतान करने में असमर्थ है, जबकि केंद्र सरकार ने इस बारे में कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहा है कि यह निगम की वित्तीय स्थिति को कैसे सुधारेगा, जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने ली है।”

इस बीच रविवार को दिल्ली नगर निगमों की तीनों इकाइयों का एकीकरण कर दिया गया और यह औपचारिक रूप से एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के रूप से अस्तित्व में आ गया। दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 के माध्यम से पहले वाले तीन नगर निकायों – उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को मिलाकर एक दिल्ली नगर निगम कर दिया गया है।

आईएएस अधिकारी अश्विनी कुमार को नए दिल्ली नगर निगम का विशेष अधिकारी बनाया गया है। ज्ञानेश भारती नए नगर निकाय के आयुक्त बनाए गए हैं। दोनों अफसरों ने कार्यभार भी संभाल लिया है। नगर निकाय ने एक बयान जारी कर कहा, “एमसीडी हमेशा अपने कर्मचारियों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और उनके कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।”

उधर, “एकीकृत एमसीडी के उचित कामकाज को सुव्यवस्थित करने” के लिए, निगम ने मंगलवार शाम को भूमि, श्रम, कारखाना लाइसेंसिंग, स्वास्थ्य और शिकायत सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए 25 उपायुक्तों और अतिरिक्त उपायुक्तों की नियुक्ति पर एक आदेश जारी किया।

एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के विभिन्न प्रकोष्ठों के अधिकारियों की पदस्थापना और उनके विभागों के वितरण की प्रक्रिया एक पखवाड़े के भीतर पूरी होने की संभावना है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन पदों के भरने के बाद निगम अपनी वित्तीय हालत, स्वच्छता सेवाओं को सुधारने तथा कर्मचारियों के वेतन के मुद्दों पर काम शुरू कर सकेगा।