बिहार के पटना में प्रशासन ने नगर निगम के चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों को हड़ताल से वापस बुलाकर आगे पैदा होने वाली बड़ी समस्या रोक दी। दरअसल, कर्मचारियों ने प्रशासन से वेतन वृद्धि की मांग की थी। लंबे समय से यह मांगे नहीं मानी जा रही थीं। ऐसे में इन कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इस बीच प्रशासन ने एक्शन में आते हुए हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत की और आखिरकार एक महीने के अंदर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद चौथे दिन हड़ताल को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया।
अफसर बोले- हमारे अधिकार-क्षेत्र में जो भी मांगें, उन पर तुरंत कार्रवाई: नगर निगम के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर पटना नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा के साथ सभी 15 मांगों पर बातचीत की। नगर आयुक्त ने कहा कि जिन मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर हैं, उनमें से अधिकतर न्यायालय के अधीन हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि जितनी भी मांगें उनके अधिकार क्षेत्र में हैं, उन पर तत्काल कार्रवाई होगी। साथ ही उन्होंने वेतन वृद्धि का भी आश्वासन दिया।
उधर कर्मचारियों के ईपीएफ में हुई गड़बड़ियों को भी दूर कराने की बात हुई है। कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि आगे समय पर वेतन भुगतान और एजेंसी कर्मियों की समस्याओं को भी सुलझाने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन ने कहा कि कोर्ट में चल रहे मामलों और सरकार के स्तर पर होने वाले निर्णयों के संबंध में आदेश आने के साथ ही कार्रवाई होगी।
हड़ताल खत्म होते ही शुरू हुए साफ-सफाई से जुड़े काम: हड़ताल के स्थगित होने के ऐलान के साथ ही साफ-सफाई के कामों को फिर से शुरू करा दिया गया। कूड़ा प्वाइंट पर जमा कराए गए कूड़े को मशीन के माध्यम से हटाया गया। पटना नगर निगम चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के ऐलान के मुताबिक, शुक्रवार की सुबह से सभी वार्डों में कर्मचारी काम पर लौट गए। कर्मचारी नेताओं के मुताबिक, नगर निगम के लचीले रवैये को देखते हुए कर्मचारियों ने हड़ताल से वापस लौटने का निर्णय लिया है।