69000 शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट से मिले झटके के बाद योगी सरकार आगे के विकल्पों पर मंथन कर रही है। अब यूपी सरकार में शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने इस मसले पर कहा है कि हमारी सरकार किसी भी कैटेगरी के किसी भी युवा के भविष्य के साथ गलत नहीं होने देगी। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट के फैसले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया गया है।
संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और यह टाइम लिमिट के अंदर इसका पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश है कि संविधान के द्वारा जो व्यवस्था बनाई गई है, उसका पालन होना चाहिए। इस प्रदेश के किसी भी व्यक्ति के साथ, किसी भी युवा के भविष्य के साथ कुछ गलत नहीं होने देंगे। सभी के भविष्य को सुरक्षित करने का काम सरकार के द्वारा किया जाएगा।
शिक्षक भर्ती मामले पर योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान के अनुसार आरक्षण का लाभ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मिलना चाहिए और किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। यूपी सरकार ने एक बयान के जरिए बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और हाई कोर्ट के फैसले के आलोक में कार्रवाई करने को कहा।
69,000 सहायक अध्यापक भर्ती पर बयान में क्या कहा गया है?
आधिकारिक बयान में कहा गया, “69,000 सहायक अध्यापकों के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोर्ट के फैसले के सभी तथ्यों से अवगत कराया। इस पर मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और हाई कोर्ट के फैसले के आलोक में कार्रवाई करने के निर्देश दिए।”
69000 शिक्षक भर्ती: हाई कोर्ट ने क्या निर्देश दिए हैं?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को तीन महीने के भीतर 69,000 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए नई चयन सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस बृजराज सिंह की बेंच ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी उन लिस्ट को रद्द कर दिया, जिनमें आरक्षित श्रेणियों के 6,800 अभ्यर्थी शामिल थे। ताजा आदेश 16 अगस्त को अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया गया। (इनपुट- ANI/भाषा)