Delhi News: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की फ्री राशन स्कीम के लिए कई लोग अपात्र पाए गए हैं। 6.52 लाख लाभार्थियों में लगभग 96,000 लोगों के पास प्राइवेट कारें हैं। लगभग 2.80 लाख लोग जमीन के मालिक, इनकम टैक्स पेयर और यहां तक कि रजिस्टर्ड कंपनियों के डॉयरेक्टर के तौर पर लिस्टेड हैं। 89084 डुप्लिकेट हैं। यह आंकड़ें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने साझा किए हैं।
पीडीएस के तहत चलाई जा रही यह स्कीम उन परिवारों के लिए है जिनकी सालाना इनकम एक लाख से कम है। केंद्र सरकार ने पिछले साल जुलाई में वेरिफिकेशन ड्राइव चलाई थी। अधिकारियों ने बताया कि इसमें तेजी इस साल जनवरी से आई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ महीने पहले, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि विभाग ने 5,261 सरकारी कर्मचारियों को राशन पाने के अयोग्य पाए जाने के बाद नौकरी से निकाल दिया था। अब विभाग ने बाकी बचे अपात्र लाभार्थियों की लिस्ट एफएसआई को जमीनी स्तर पर वैरिफिकेशन के लिए भेज दी है।
शहर में कुल 17.46 लाख राशन कार्ड धारक हैं। इनमें से 16.80 लाख पीएचएच और 66,149 अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत आते हैं। एएवाई परिवारों को हर महीने 35 किलो अनाज (21 किलो गेहूं, 14 किलो चावल, 1 किलो चीनी) मिलता है। PHH राशन कार्ड धारकों को हर महीने प्रति सदस्य 5 किलो अनाज (3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल) दिया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि जनवरी 2024 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत पांच साल तक मुफ्त राशन दिया जा रहा है।
89,084 फर्जी लाभार्थी मिले
अधिकारियों ने बताया कि वेरिफिकेशन करते समय उन्हें 89,084 फर्जी लाभार्थी मिले। इनके पास एक से ज्यादा राज्यों में राशन कार्ड थे। अधिकारी ने बताया, “उदाहरण के लिए, एक लाभार्थी का राशन कार्ड दिल्ली के साथ-साथ बिहार में भी रजिस्टर है और वह दोनों राज्यों में मुफ्त राशन ले रहा है।” अधिकारियों ने बताया कि खाद्य एवं रसद विभाग ने नकली लाभार्थियों का सत्यापन किया है। अधिकारियों ने बताया, “क्षेत्रीय सर्वे और 68,926 लाभार्थियों के सत्यापन के बाद, विभाग ने नकली राशन कार्ड वाले 27,745 लोगों के नाम हटाने की सिफारिश की है।”
अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “लोग काम के लिए एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं। उदाहरण के लिए, बिहार का एक परिवार काम के लिए दिल्ली आया और यहां राशन कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। ऐसे मामले में, हम यह पता लगाते हैं कि क्या व्यक्ति वास्तविक और पात्र है। एक बार जब हम संतुष्ट हो जाते हैं, तो हम दूसरे राज्य में उनके राशन कार्ड को रद्द करके उन्हें बनाए रखते हैं।” अधिकारी ने कहा, “इस प्रक्रिया के दौरान, हमने दिल्ली में ऐसे 41,181 लाभार्थियों को बनाए रखा।”
एक अधिकारी ने बताया, “उदाहरण के लिए, ऐसे मामले भी हैं जहां परिवार पहले आर्थिक रूप से कमजोर था, लेकिन अब बच्चे सरकारी नौकरियों में हैं। ऐसे मामलों में, हम देखते हैं कि क्या बच्चे घर से बाहर चले गए हैं और माता-पिता के पास आय का कोई स्थिर स्रोत नहीं है। फिर हम राशन कार्ड से सिर्फ बच्चों का नाम हटाते हैं। लेकिन अगर परिवार साथ रहता है, तो पूरे परिवार का नाम लाभार्थी सूची से हटा दिया जाता है।”
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1,033 लाभार्थी 100 से 120 साल की उम्र के
इसके अलावा लगभग 10,000 लाभार्थी मृत हैं और उनके नाम हटा दिए जाएंगे। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि लगभग 1,033 लाभार्थी 100 से 120 साल की उम्र के हैं। एक अधिकारी ने यह भी कहा, “अगर किसी राशन कार्ड धारक के पास ए, बी, सी और डी श्रेणियों में जमीन का टुकड़ा है, तो उसका नाम लिस्ट से हटा दिया जाएगा।”
एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में भूमि को क्षेत्रफल के अनुसार ए से एच कैटेगरी में रखा गया है। आंकड़ों से यह भी पता चला कि 1,84,467 लोग मूक लाभार्थी हैं। ये वे लोग जिन्होंने अपना ई-केवाईसी पूरी नहीं की और छह महीने से अधिक समय से मुफ्त राशन का लाभ नहीं उठाया है। आधिकारिक रिकॉर्ड बताते हैं कि दिल्ली भर में 80% राशन कार्ड धारकों का ई-केवाईसी पूरा हो चुका है।
राशन लाभार्थी लाभ से वंचित ना रहे – मनजिंदर सिंह
अधिकारी ने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरा होने में अभी और समय लगेगा। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, दिल्ली के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई भी पात्र राशन लाभार्थी अपने वाजिब लाभ से वंचित न रहे। उन्होंने कहा, “वेरिफिकेशन प्रोसेस जारी है। हम व्यवस्था को बेहतर बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं कि लाभ सही और वास्तविक व्यक्तियों तक पहुंचें।”
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