करीब 50 साल पुरानी परंपरा तोड़ते हुए इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने शुक्रवार को अपने दीक्षांत समारोह का ड्रेस कोड बदल दिया। इस समारोह में शामिल स्नातकों के साथ मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन विशेष गाउन और टोपी के स्थान पर भारतीय परिधान में नजर आर्इं।
डीएवीवी के एक अधिकारी ने बताया कि 1964 में स्थापित संस्थान के इतिहास में पहली बार तय किया गया कि दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाले सभी लोग बंडी (जैकेट), उत्तरीय (स्टोल) और मालवा अंचल की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी पारंपरिक पगड़ी पहनेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीयता के भाव को बढ़ावा देने के लिए दीक्षांत समारोह का ड्रेस कोड बदलने का फैसला किया गया। प्रदेश सरकार ने भी निर्देश दिए थे कि उसके विश्वविद्यालयों में आयोजित दीक्षांत समारोह में पाश्चात्य ड्रेस कोड के स्थान पर भारतीय परिधानों का चयन किया जाए।
लिहाजा, डीएवीवी के स्नातकों, मंचासीन मेहमानों, विभिन्न संकायों के अध्यक्षों और कार्यपरिषद के सदस्यों के लिए अलग-अलग रंगों के भारतीय कपड़ों का चयन किया गया था।
मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और डीएवीवी के कुलपति नरेंद्र धाकड़ ने भगवा पगड़ी और सफेद बंडी धारण कर दीक्षांत समारोह में भाग लिया। एमबीबीएस पाठ्यक्रम में नौ स्वर्ण और एक रजत पदक जीतने वाली श्रीनि पारीक अन्य स्नातकों की तरह पीली पगड़ी और खाकी बंडी पहनकर दीक्षांत समारोह में शामिल हुर्इं।
उन्होंने कहा कि इस समारोह का नया ड्रेस कोड शानदार है। इसके कारण आज हम सब स्नातक एक रंग में रंगे दिखाई दे रहे थे। दीक्षांत समारोह में अलग-अलग संकायों के 75 शोधार्थियों को पीएचडी और डी.लिट की उपाधियां प्रदान की गर्इं। विभिन्न पाठ्यक्रमों की प्रावीण्य सूची में प्रथम और द्वितीय स्थान हासिल करने वाले 68 विद्यार्थियों को स्वर्ण और रजत पदक प्रदान किए गए।