जम्मू कश्मीर की स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। हाल के दिनों में बढ़ती आतंकी घटनाओं के बाद इस केंद्र शासित प्रदेश में 5 हजार अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती को भी फिर से नजरबंद कर दिया गया है।

केंद्र ने हाल ही में प्रवासी श्रमिकों की हत्याओं के बाद जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के अतिरिक्त 5,000 जवानों की तैनाती का आदेश दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि घाटी में मौजूदा स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त 50 कंपनियों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है।

टेलीग्राफ के अनुसार मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया- “कश्मीर में हाल के दिनों में हुई हत्याओं के मद्देनजर सुरक्षा की स्थिति बहुत चुनौतीपूर्ण है। जम्मू-कश्मीर पुलिस को कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने में मदद करने के लिए अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 50 कंपनियां तैनात की जा रही हैं। 50 कंपनियों में से 30 को अकेले श्रीनगर में तैनात किया जा रहा है”।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के लगभग 70,000 जवानों को पहले ही तैनात किया जा चुका है। हाल ही में, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कर्मियों और उनके परिवारों के लिए स्थायी शिविर बनाने के लिए सीआरपीएफ को दक्षिण कश्मीर में आठ स्थानों पर जमीन आवंटित की है।

उधर शोपियां जाने की तैयारी कर रही महबूबा मुफ्ती को एक बार फिर से उनके घर में नजरबंद कर लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा कारणों से उन्हें शोपियां जाने की इजाजत नहीं मिली है। हालांकि अभी तक इस मामले को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है।

कश्मीर में पिछले दिनों हुई आतंकवादी हमलों में लगभग एक दर्जन नागरिक मारे गए हैं। इनमें से सात गैर-मुस्लिम थे। मरने वालों में पांच प्रवासी मजदूर भी थे। इसके अलावा एक प्रमुख कश्मीरी पंडित व्यापारी माखन लाल बिंदू का नाम भी मरने वालों में शामिल है। इनकी हत्या आतंकियों ने टारगेट किलिंग के तहत की है। इन हत्याओं को अल्पसंख्यकों को घाटी से बाहर निकालने के लिए एक आतंकवादी साजिश के रूप में माना जा रहा है।

इसी को लेकर 22 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी। जिसके बाद अब अर्धसैनिक बलों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया है।