छत्तीसगढ़ विधानसभा स्पीकर गौरीशंकर अग्रवाल के ट्रस्ट द्वारा रायपुर में बनाए गए हनुमान मंदिर को सुप्रीम कोर्ट तोड़ने की अनुमति दे चुका है। अब इस मंदिर को बचाने के लिए भाजपा विधायक उतर आए हैं। 49 में से 34 भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री रमन सिंह को चिट्ठी लिखकर मंदिर को बचाने की अपील की है। यह मंदिर अतिक्रमण कर बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को इसे तोड़ने का आदेश दिया था। कोर्ट में दिए एफिडेविट में राज्य सरकार ने भी माना था कि छगनलाल गोविंद राम ट्रस्ट को जमीन का आवंटन अवैध था और तहसीलदार ने 2014 में निर्माण को हटाने के लिए लिखा था। इसके बाद जमीन सरकार ने ले ली थी।
भाजपा विधायकों की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए खत में लिखा है कि यह मंदिर लोगों की धार्मिक भावनाओं का हिस्सा है। कर्इ संगठनों ने भी मंदिर को बचाने के लिए रायपुर में प्रदर्शन किया। मंदिर बचाओ समिति के लोगों का कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पीटिशन डालने की सोच रहे हैं। भाजपा नेता सचिदानंद उपासने ने बताया, ”हमारा मानना है कि मंदिर रायपुर की संस्कृति का हिस्सा बन चुका है। मंदिर को तोड़ना सही नहीं होगा। लेकिन भाजपा सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करती है।”
वहीं कांग्रेस ने कहा कि उन्होंने कभी मंदिर तोड़ने को नहीं कहा। पार्टी ने पूरे मामले के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। 2014 में इंडियन एक्सप्रेस ने जमीन पर कब्जा कर मंदिर, 19 दुकानें, सत्संग भवन और पार्क बनाने की रिपोर्ट दी थी। इस पर कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को कहा था।
वहीं निर्माण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाने वाले हमारा सांगवाड़ी नाम के एनजीओ के राकेश चौबे ने बताया कि जिस जगह मंदिर बना है वह वास्तव में मेले का मैदान था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन करा और भाजपा विधायकों का चिट्ठी भेजना कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। यह मंदिर खारू नदी के किनारे महादेव घाट पर बना है। मंदिर के बाहर अब मंदिर बचाने के बैनर लगाए गए हैं।