गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ में हुई परेड और झांकियों का मनमोहक नजारा नौ दिन बाद हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ में भी दिखाई दिया। ऐसा लग रहा था मानो आप पतंजलि योगपीठ के सभागार में नहीं बल्कि दिल्ली में ऐतिहासिक राजपथ पर बैठे हों और गणतंत्र दिवस की परेड का लुफ्त ले रहे हों। 26 जनवरी को दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुए विभिन्न राज्यों के 300 कलाकारों ने पतंजलि योग पीठ के मंच पर अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। इस साल दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड द्वितीय स्थान हासिल करने वाली कश्मीर की झांकी के कलाकारों की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया। देशभर के तीन सौ से ज्यादा कलाकार बीते रविवार को जब पतंजलि योगपीठ पहुंचे और वहां के भ्रमण के बाद इन कलाकारों ने श्रद्धालयम सभागार में देशभक्ति से ओतप्रोत शानदार प्रस्तुतियां दीं। मुस्लिम छात्र-छात्राओं ने सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा, राष्ट्रगीत वंदे मातरम और शिवगान की शानदार प्रस्तुति कर राष्ट्रीय सद्भावना का परिचय दिया।
कश्मीर के कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ महावीर अग्रवाल ने देश भर से आए राष्ट्रीय कलाकारों का स्वागत किया। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वाइएस नेगी ने पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष योग गुरु स्वामी रामदेव और महामंत्री आचार्य बालकृष्ण का आभार जताते हुए कहा कि देशभर के कलाकार पतंजलि में आकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यहां उन्हें आयुर्वेद और योग के बारे में अहम जानकारियां मिलीं। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि राष्ट्रीय कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का हुनर दिल्ली के राजपथ पर हुई गणतंत्र दिवस की परेड के बाद पतंजलि योगपीठ में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। ये कलाकार देश की राष्ट्रीय एकता के सच्चे संवाहक हैं।
परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती कहते हैं कि परमार्थ निकेतन में गंगा के तट पर देश के विभिन्न राज्यों के इन कलाकारों ने गंगा के धारा के साथ-साथ राष्ट्रीय संस्कृति की प्रतीक अपनी कला की धारा प्रवाहित की। इस तरह गंगा तट पर दो धाराओं का मिलन हुआ। इन राष्ट्रीय कलाकारों को अपने बीच पाकर परमार्थ परिवार गद् गद् है। उत्तराखंड के सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के उपनिदेशक और गणतंत्र दिवस परेड के नोडल अधिकारी केएस चौहान ने कहा कि पतंजलि योगपीठ देख कर देशभर के कलाकार अभिभूत हुए हैं। विभिन्न राज्यों के इन कलाकारों के अलावा रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, सीआइएसफ, ऊर्जा मंत्रालय, नौसेना समेत 7 मंत्रालयों के कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं। 16 राज्यों में जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय, असम, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, पंजाब आदि राज्यों के कलाकार उपस्थित थे।
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के अमर सिंह कॉलेज में स्नातक छात्रा हुनाइला ने कहा कि पतंजलि योगपीठ में आकर उन्हें बहुत अच्छा लगा। पतंजलि आना उनके एक सपने जैसा है। उत्तराखंड की सुंदर वादियां हमें कश्मीर की याद दिलाती हैं। कश्मीर भारत का ताज है और कश्मीरियों को भारत का नागरिक होने पर फख्र है। कश्मीर के युवा राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़े हुए हैं, तभी तो हम कश्मीरी कलाकार दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड और पतंजलि योगपीठ में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने आए। उत्तराखंड के लोग कश्मीर आएं, हम उनका तहेदिल से स्वागत करेंगे। हुनाइला कहती हैं कि वे एअर होस्टेज बनना चाहती हैं और इसका कोर्स कर रही हैं।
जम्मू की रूपाली गुप्ता का कहना है कि भारत के गुलदस्ते की तरह है और कश्मीर गुलदस्ते का गुलाब है। ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन में गंगा आरती, हरिद्वार, हरकी पैड़ी और पतंजलि योगपीठ आकर उन्हें बहुुत अच्छा लगा। जिस तरह पतंजलि योगपीठ, परमार्थ निकेतन और गंगा सभा हरकी पैड़ी के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया, उससे वे अभिभूत हैं। जम्मू-कश्मीर के कलाकारों के दल के प्रभारी अधिकारी नजीर हुसैन का कहना है कि इस बार हमारे दल ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस की राजपथ पर हुई परेड में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। हमारे दल ने राजपथ पर प्रस्तुत झांकियों में दूसरा स्थान हासिल किया। यह कश्मीरियों के लिए बड़ी उपलब्धि है।

