Kanpur : कानपुर में जहरीली गैस से 3 लोगों की मौत का मामला सामने आ रहा है। सेप्टिक टैंक में सफाई के दौरान यह घटना घटी है। हादसा जाजमऊ स्थित शालीमार टेनरी का है। खबरों के मुताबिक सफाई के दौरान तीनों बेहोश हो गए और टेनरी के कर्मचारी उन्हें हैलेट अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कर्मचारी उन्हें अस्पताल में छोड़कर भाग गए जिसके बाद पुलिस को बुलाया गया।

जहरीली गैस की चपेट में आने से हुआ हादसा 

जानकारी के अनुसार नौबस्ता बिनगवां में रहने वाले सोनू वाल्मीकी, सुखबीर और सत्यम यादव सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए पहुंचे थे। वह टैंक की सफाई के दौरान जैसे ही नीचे पहुंचे तो तीनों मजदूर जहरीली गैस की चपेट में आ गए। तीनों ने इस दौरान एक दूसरे को बचाने का प्रयास भी किया लेकिन टैंक के अंदर बेहोश कर गिर गए। वहां मौजूद कर्मचारियों ने किसी तरह से तीनों मजदूरों को बाहर निकाला और उन्हें हैलट अस्पताल की तरफ बढ़े लेकिन रास्ते में तीनों की मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि मौत की खबर से अवगत होने के बाद उन्हे लाए मजदूर डर कर वहां से भाग गए।

परिवार ने लगाया लापरवाही का आरोप

गुरुवार को तीनों मजदूर सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए निकले थे। जब रात में तीनों घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने खोजना शुरू किया। पता लगाते हुए परिजन हैलट अस्पताल पहुंचे तो उन्हे पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। तीनों मजदूरो के पारवार गहरे सदमें में हैं। वहीं मृतक के परिजनों ने टेनरी मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जाजमऊ थाना प्रभारी का कहना है कि परिजन जो भी तहरीर देंगे, उसी आधार पर केस दर्ज किया जाएगा।

जहरीली गैस से मौत के कई और मामले

जहां इस खबर के बाद पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है वहीं बीते कुछ दिनों से जुड़ी हुई कई अन्य खबरें भी अब सामने आने लगी हैं। कानपुर शहर में में बीते 18 सितंबर को बर्रा के मालवीय विहार में तीन मजदूर निर्माणाधीन मकान में सेप्टिक टैंक की सटरिंग हटाने के लिए उतरे थे और उनकी मौत भी जहरीली गैस की चपेट में आने से हो हो गयी थी। इंका नाम अमित, अंकित पाल, शिवा तिवारी था। इसके बाद बीते 30 अक्टूबर को बिठूर के चकरतनपुर गांव में निर्माणाधीन मकान में सेप्टिक टैंक की सटरिंग हटाने के लिए तीन मजदूर उतरे थे। जहरीली गैस की चपेट में आने से तीनों की मौत हो गई थी।