केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार (5 जनवरी, 2019) को कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि 2021 में वह भारतीय महिला विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन में हिस्सा ले पाएंगी। ‘भारतीय महिला विज्ञान कांग्रेस 2021’ के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए स्मृति को आमंत्रित किया गया। यहां महिला विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2019 कोई आसान साल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 2020-21 के लिए भारतीय महिला विज्ञान कांग्रेस की नवनिर्वाचित अध्यक्ष विजय लक्ष्मी सक्सेना ने 2021 के सत्र के लिये उन्हें आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि “मैं नहीं जानती कि 2021 में मेरे होने की वैज्ञानिक संभावनाएं क्या हैं, इसके बावजूद मैं पूरे सम्मान और विनम्रता से उनके आमंत्रण को स्वीकार करती हूं।”
विपक्षी दलों की गठबंधन की कोशिशों के बावजूद भाजपा नीत केंद्र सरकार इस साल अप्रैल मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में दूसरे कार्यकाल को लेकर आशान्वित है। वर्ष 2014 में ईरानी ने अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। ईरानी ने कहा, “मेरी 15 वर्षीय बेटी अपने 10वीं के बोर्ड (इम्तिहान) और मेरा बेटा जो 12वीं में है अपने बोर्ड की तैयारी कर रहा है। मेरा मतलब है कि 2019 हम में से किसी के लिए भी आसान नहीं है।”
इसके अलावा भारतीय महिला विज्ञान कांग्रेस उन्होंने आगे कहा कि भारत को यदि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में बेहतर भविष्य चाहिए तो उसे इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए उचित एवं आकर्षक भविष्य सुनिश्चित करना होगा। ईरानी ने इस बात पर जोर दिया कि लैंगिक समानता को साकार करना अकेले महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं है और पुरुषों को भी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने यहां भारतीय महिला विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में कहा कि अंग्रेजी भारत और विश्व में वैज्ञानिक समुदाय की ‘साझा भाषा’ है।
उन्होंने भारतीय विज्ञान कांग्रेस से सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक कार्यों का अनुवाद कराने का आह्वान किया ताकि छात्र स्थानीय भाषा में उन्हें प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम आपके (भारतीय विज्ञान कांग्रेस) मंच के जरिए हमारे देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से यह आह्वान कर सकते हैं कि कुछ सर्वश्रेष्ठ विज्ञान जर्नल, नए वैज्ञानिक अध्ययनों का अनुवाद करके उसे (न केवल) उच्चतर शैक्षिक संस्थानों के बच्चों बल्कि हाईस्कूल को भी मुहैया कराएं ताकि विज्ञान के लिए लगाव लड़के या लड़की में बहुत प्रारंभिक चरण में ही पैदा किया जा सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपको यदि भारत के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में बेहतर भविष्य चाहिए तो आपको भारतीय महिलाओं के लिए विज्ञान में उचित एवं आकर्षक भविष्य सुनिश्चित करना होगा।’’