देश की राजधानी दिल्ली से होकर गुजरने के दौरान यमुना नदी सर्वाधिक 80 फीसद गंदी हो जाती है जहां 18 नाले भारी मात्रा में राजधानी के जलमल को यमुना नदी में छोड़ते हैं। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस स्थिति पर चिंता जाहिर की। साथ ही कहा कि मौजूदा रफ्तार के साथ यमुना नदी को साफ करने में अभी और 15 साल का समय लगेगा।

जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान यमुना की सफाई संबंधी अभियान को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में बताया कि यमुना दिल्ली से होकर गुजरने वाले 20 किलोमीटर के इलाके में सर्वाधिक गंदी है। जहां नजफगढ़ नाले समेत 18 नालों की गंदगी यमुना में जाकर गिरती है और इसके चलते दिल्ली में यमुना 80 फीसद गंदी हो जाती है।

उन्होंने कहा कि जिस गति से हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, उससे इसे 2030 तक ही साफ किया जा सकेगा। लेकिन प्रयासों के वांछित परिणाम 2019 तक मिलने शुरू हो जाएंगे। अभी तक के प्रयासों को सफलता की अधूरी कहानी बताते हुए उमा भारती ने कहा कि यमुना नदी की सफाई के लिए पहले, दूसरे और तीसरे चरण की कार्ययोजना में करोड़ों की रकम नालों में बहा दी गई लेकिन उचित परिणाम नहीं मिले। उन्होंने बताया कि पहले और दूसरे चरण की कार्ययोजना में कुल 1514.70 करोड़ रुपए खर्च किए गए। उन्होंने बताया कि तीसरी योजना के तहत अभी तक दिल्ली जल बोर्ड को पीएमसी सेवाओं के लिए उनके मंत्रालय ने 9.96 करोड़ रुपए जारी किए हैं।

दिल्ली में यमुना में छोड़े जाने वाले जलमल की मात्रा और शोधन संयंत्रों की क्षमता में काफी अंतर बताते हुए उमा भारती ने कहा कि सरकार यमुना की सफाई के लिए ‘इंटरसेप्टर’ का निर्माण करने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत यमुना के पानी को मानसून सत्र में रोक लिया जाएगा और गैर मानसून सत्र में इसे छोड़ा जाएगा ताकि नदी में पानी का प्रवाह बना रहे और यमुना अपनी गंदगी को ढो सके। इंटरसेप्टर लगाने के बाद भी 1 8 नालों से गिरने वाली गंदगी को पूरी तरह साफ नहीं किया जा सकेगा और 52 फीसद गंदगी उसके बाद भी रह जाएगी।

जल संसाधन मंत्री ने बताया कि 2017 तक यमुना के दिल्ली से लगते 20 किलोमीटर के क्षेत्र को काफी हद तक साफ कर लिया जाएगा और सरकार इस नदी को स्वच्छ करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इंटरसेप्टर लगाने का काम अगले वर्ष अप्रैल से शुरू हो जाएगा। उमा भारती ने साथ ही बताया कि लखवाल बयासी परियोजना पर भी काम चल रहा है जिससे यमुना में पानी का स्तर बढ़ेगा। इससे यमुना में इतना पानी रहेगा कि वह अपने प्रदूषण से लड़ सके। उन्होंने दिल्ली सरकार से सहयोग की अपील करते हुए उम्मीद जताई कि अप्रैल में इस योजना को क्रियान्वयन की स्थिति में लाया जा सकेगा।
मंत्री ने साथ ही कहा कि यमुना की सफाई के लिए पहले से चली आ रही किसी योजना को बंद नहीं किया गया है बल्कि उसी को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि यमुना कार्ययोजना तृतीय चरण के लिए दिल्ली सरकार को 1656 करोड़ रुपए की रकम मुहैया कराई गई है।