लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के मुस्लिम चेहरे रहे सिकंदर बख्त की जयंती के बहाने, गुजरात में बीजेपी की तरफ से अपने मुस्लिम संगठनों को मजबूत बनाने का प्रयास देखा जा रहा है। पार्टी की तरफ से गुजरात दंगों के बाद पहली बार किसी ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

इस तरह के पहले उत्सव पर एक सवाल के जवाब में, भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव, जोशुआ पीटर डी सूजा ने कहा, “यह उजागर करना है कि (पार्टी की) शुरुआत से ही अल्पसंख्यकों का योगदान रहा है। ऐसा नहीं है कि यह (अल्पसंख्यक का बीजेपी से जुड़ाव) नया चलन है। हम यह दिखाना चाहते हैं कि शुरू से ही पार्टी के साथ अल्पसंख्यक रहे हैं।

बख्त को पार्टी का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक नेताओं में से एक बताते हुए डी सूजा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ताओं से पार्टी के भीतर अधिक से अधिक लोगों को लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि गुजरात बीजेपी का (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदीजी का होम ग्राउंड है। और यहां (भाजपा के भीतर) अल्पसंख्यकों का अधिकतम संगठन होना चाहिए।

बताते चलें कि 24 अगस्त, 1918 को जन्मे, सिकंदर बख्त ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। 1980 में वो भाजपा के संस्थापक सदस्य बने। बख्त अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बने और बाद में उन्हें केरल का राज्यपाल भी बनाया गया। बताते चलें कि अल्पसंख्यक समुदाय के बीच अपनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए बीजेपी की तरफ से यह प्रयास ऐसे दौर में शुरू किया गया है जब मोडासा, गोधरा और भरूच नगर पालिकाओं में स्थानीय निकाय चुनावों में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम की जीत हुई है। गुजरात में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस की तरफ से कड़ी टक्कर मिली थी।