उत्तर प्रदेश के एटा जिले के दो गांवों में पिछले दो दिनों में 17 गायों को मार दिया गया। पुलिस ने कहा कि उन्हें इसके पीछे 15-20 लोगों के समूह पर संदेह है। पुलिस के अनुसार, गायें पास में स्थित एक सरकारी गौशाला की थीं।
गौ- हत्यारों ने तीन लोगों पर किया हमला
पुलिस के मुताबिक, मंगलवार की सुबह पवास गांव में सात और बुधवार सुबह लखमीपुर गांव में 10 गायों के शव मिले हैं। पुलिस ने यह भी कहा कि तीन लोगों को बुधवार सुबह कथित गाय हत्यारों द्वारा पीटा गया। जिन लोगों पर हमला हुआ उनकी पहचान डेयरी कर्मचारी हृदेश (50), उनके बेटे शिवम चौहान (19) और गौरव सोलंकी (24) के रूप में की है। ये तीनों उस रास्ते से गुजर रहे थे जिस स्थान पर गायों की मौत हुई है। तीन लोगों में से एक को मामूली चोटें आईं हैं जबकि दो का अस्पतालों में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
एटा के दो गांवों में कटी मिलीं 17 गायें
]सर्किल ऑफिसर (एटा सिटी) विक्रान द्विवेदी ने कहा कि तीन चश्मदीदों के मुताबिक, गोकशी के पीछे 15 से 20 लोगों का एक समूह था। सर्किल अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “घटनाएं पावस ग्राम पंचायत के तहत हुईं, जिसमें दो गांव हैं – पवास और लखमीपुर। वहां सरकार द्वारा संचालित गौशाला है। पहले दिन (मंगलवार सुबह) पावस में सात गायों के शव पाए गए और बुधवार सुबह 10 गायों के शव लखमीपुर में पाए गए। इन गायों को गौशाला से लाया गया था।”
एसएचओ (कोतवाली देहात) सुनील कुमार के मुताबिक तीनों प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा पिटाई किए जाने के बाद शोर मचाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। लेकिन तब तक आरोपी फरार हो गए। एसएचओ ने कहा कि हमें संदेह है कि समूह गाय की तस्करी में शामिल है। इस क्षेत्र में मुख्य रूप से हिंदू आबादी है।
बजरंग दल, विहिप ने किया प्रदर्शन
पुलिस ने कहा कि कोतवाली (देहात) में आईपीसी की धारा 395 (डकैती), 397 (लूटपाट, डकैती, मौत या गंभीर चोट पहुंचाने की कोशिश) और यूपी गाय का वध रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत दो मामले दर्ज किए गए हैं। इस बीच बजरंग दल, विहिप के सदस्यों ने एटा जिला कलेक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और गौहत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।