उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 38 लोगों की हालत खराब है, जिनमें 33 लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती हैं। इनमें 2 बीमार काफी ज्यादा गंभीर बताए जा रहे हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी पप्पू जायसवाल को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि रामनगर के भुंड के अमराई कुंड के पास आरोपी के साथ मुठभेड़ हुई। उस दौरान उसके पैर में गोली भी लग गई। आरोपी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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यह है मामला: बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने बताया कि रामनगर थाना क्षेत्र के रानीगंज गांव और उसके आसपास के मजरों के कई लोगों ने सोमवार देर रात शराब पी थी। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। अजय के मुताबिक, इस मामले में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में चार लोग एक ही परिवार के हैं। वहीं, किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (KGMC) ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डा. संदीप तिवारी ने मंगलवार शाम ‘भाषा’ को बताया कि ट्रॉमा सेंटर में बाराबंकी से आए 2 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। इनमें एक मृतक का नाम रामस्वरूप (50) है, जबकि दूसरे का नाम विनय शंकर (35) है । ट्रॉमा सेंटर में अब शराब पीने से बीमार 33 लोग भर्ती हैं, जिनमें 2 की हालत गंभीर है।
सीएम योगी ने किया आर्थिक सहायता का ऐलान: बाराबंकी के एसपी साहनी के मुताबिक, शराब पीने से बीमार 39 लोगों को ट्रॉमा सेंटर समेत विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मृतकों की पहचान विनय प्रताप उर्फ राजू सिंह, राजेश, रमेश कुमार, सोनू, मुकेश, छोटेलाल, सूर्यबख्श, राजेंद्र वर्मा, शिवकुमार, महेंद्र, राम सहारे और महेश सिंह के रूप में हुई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है। इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी, 9 आबकारी कर्मचारियों और दो पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए अयोध्या के मंडलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और आबकारी विभाग के आयुक्त की टीम बनाई गई है, जो विभिन्न पहलुओं की जांच करके 48 घंटे में रिपोर्ट देगी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मामले की जांच के लिए गठित टीम अन्य पहलुओं के अलावा इस बात की भी जांच करेगी कि कहीं इस घटना के पीछे कोई राजनीतिक साजिश तो नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी हापुड़ और आजमगढ़ में हुई ऐसी घटनाओं में राजनीतिक साजिश सामने आई है। लिहाजा जांच के दायरे में इस बिंदु को भी लाया गया है।

