दिल्ली सरकार ने अदालती मामलों में लचर रवैया अपनाने पर अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है। मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने दिल्ली सरकार के अदालती मामलों में उचित पक्ष नहीं रखने को गंभीरता से लिया है। अब विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा रही है और मामलों में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा अदालतों में लंबित मामलों की निगरानी में लापरवाही बरती जा रही है, जिसके कारण विभाग को अदालत से फटकार और प्रतिकूल टिप्पणियां झेलनी पड़ी हैं। खासकर, अदालत में समय से रिप्रेजेंटेशन (प्रस्तावना) और हलफनामा दाखिल न करने के कारण विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
सभी अधिकारियों को नियमित निगरानी के निर्देश
दिलचस्प बात यह है कि विभागीय स्तर पर पहले भी विधि विभाग और राजस्व मुख्यालय द्वारा समयबद्ध कार्रवाई और समुचित प्रतिनिधित्व के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया। इसके परिणामस्वरूप अदालत से प्रतिकूल टिप्पणियां और आदेश आए, जिससे विभाग की छवि पर असर पड़ा।
मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और सभी जिलाधिकारियों (डीएम), एसडीएम, तहसीलदार और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अब लंबित मामलों की नियमित निगरानी करेंगे और अदालत के आदेशों का पालन सख्ती से सुनिश्चित करेंगे। मुख्य सचिव धर्मेंद्र की नाराजगी के बाद राजस्व विभाग के एसडीएम-द्वितीय (मुख्यालय) प्रमोद कुमार की तरफ से एक परिपत्र जारी कर दिया गया है।