अब तेजस्वी यादव पर गुस्सा आने लगा है उनके चाचा को। चाचा यानी बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (एकी) के मुखिया नीतीश कुमार। यह बात अलग है कि गुस्से को जाहिर करने से बचने की हर संभव कोशिश करते हैं नीतीश। पर बात बर्दाश्त से बाहर जो जाए तो आपा खो बैठते हैं। फिर तो भड़कने से भी नहीं हिचकते। विधानसभा में भी वे तेजस्वी यादव पर इसी अंदाज में भड़के। सदन में विपक्ष के नेता की हैसियत से दरअसल तेजस्वी ने औरंगाबाद में दंगा भड़क जाने का उल्लेख कर दिया। ऊपर से यह आरोप भी जड़ दिया कि सरकार हालात को संभालने में नाकाम रही है।
तेजस्वी बोल ही रहे थे कि नीतीश का धीरज चुक गया। वे अचानक उठे और सामने खड़े भतीजे को फटकार लगा दी। उनके आरोपों को झूठ का पुलिंदा तो बताया ही उन्हें नसीहत भी दे डाली। बोले-सुनो, बाबू सुनो। अभी राजनीति शुरू कर ही रहे हैं। सीखने की कोशिश कीजिए। करिअर बनाने के लिए काफी समय पड़ा है। फिर वे राजद के वरिष्ठ नेता सिद्दीकी की तरफ मुखातिब हुए और बोले- वे तेजस्वी को क्यों नहीं समझाते? बहुत कुछ सिखाना पड़ेगा। अफवाह फैलाना और गलतबयानी करना अच्छी आदत नहीं। दरअसल, तेजस्वी के कारण ही नीतीश और लालू में तकरार हुई।
नतीजतन नीतीश ने पहले गठबंधन सरकार से इस्तीफा दिया और फिर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई। इस घटना के बाद से तेजस्वी अपने चाचा नीतीश की हर मौके पर खिंचाई करते रहे हैं। पर आमतौर पर नीतीश ने पलट कर जवाब नहीं दिया। इस बार विधानसभा के भीतर वे झल्ला गए। चाचा ने तो भतीजे को अपना रुतबा दिखाया ही, भतीजे ने भी चुप रह कर चाचा के प्रति सम्मान के भाव में कोई कमी नहीं आने दी।