कोरोना की तीसरी लहर रफ्तार पकड़ रही है। अलग-अलग राज्‍यों में इन मामलों की रोकथाम के लिए प्रशासन अपने-अपने तरीके से सख्‍ती बरत रहा है। नाइट कर्फ्यू से लेकर हेल्‍पलाइन तक तरह-तरह के उपाय शुरू किए जा रहे हैं। कई राज्‍यों में प्रशासन की टीमें मास्‍क के लिए चेकिंग भी कर रही हैं। मास्‍क न पहनने पर चालान काटे जा रहे हैं, इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है, लेकिन मास्‍क न पहनने पर डंडे से पिटाई करना, ऊठक-बैठक लगवाने का भी काम हो रहा है। बिहार के सुल्‍तानगंज का ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है।

बीडीओ का खुद मास्‍क उतरा था पर युवक डंडा दिखा लगवाई उठक-बैठक

दैनिक भास्‍कर की रिपोर्ट के मुताबिक, सुल्‍तानगंज में रविवार को बीडीओ मनोज कुमार मुर्म और सीओ शंभु शरण राय के नेतृत्‍व में मास्‍क चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान करीब 40 लोगों से जुर्माना भी वसूला गया। इस कार्रवाई के दौरान एक युवक से मास्‍क न पहनने पर ऊठक-बैठक भी लगवाई गई, जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मास्‍क न पहनने पर युवक से ऊठक-बैठक लगवाई गई। दैनिक भास्‍कर के मुताबिक, बीडीओ ने मास्‍क न पहनने कई लोगों को थप्‍पड़ भी मारे। यह बात सही है कि कोरोना वायरस जब से देश में फैला है, तब से मास्‍क न पहनने पर जुर्माने का प्रावधान देता है।

नियम मास्‍क न लगाने पर जुर्माने की इजाजत देता है, उठक-बैठक या पिटाई की नहीं

नियमों के अनुसार, मास्‍क न पहनने पर जुर्माना लगाने में कोई हानि नहीं है, लेकिन सवाल यह है कि क्‍या कोई ऐसा भी कानून है, जो मास्‍क न पहनने पर पुलिस-प्रशासन को डंडा चलाने, उठक-बैठक लगवाने या थप्‍पड़ मारने जैसे अमानवीय हथकंडों की इजाजत देता है। इस मामले में केवल ऊठक-बैठक की बात नहीं है कि यहां तो स्थिति अजीब तब हो गई, जब एक युवक ने डंडा चला रहे बीडीओ को ही टोक दिया। युवक ने बीडीओ से कहा- आपने भी मास्‍क ठीक नहीं लगाया है। युवक की बात सुनने के बाद बीडीओ ने मास्‍क अपनी नाक के ऊपर चढ़ाया। दो दिन पहले बिहार के ही बेगूसराय का भी एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मास्‍क न पहनने पर उठक-बैठक लगवाई गई। साथ ही उनसे 50 रुपये का जुर्माना भी वसूला गया।

पटना में उठक-बैठक के साथ जुर्माना और शपथ भी

पटना में भी पटना का भी एक वीडियो सामने आया। यहां भी नाइट कर्फ्यू में सख्‍ती बढ़ाई गई और बिना मास्‍क के घूम रहे लोगों को पहले सजा दी गई और उसके बाद उनसे जुर्माना भी वसूला गया। सजा के लिए यहां भी उठक-बैठक का सहारा लिया गया और सजा देने के बाद लोगों से भविष्‍य में कोविड गाइडलाइंस न तोड़ने की शपथ भी दिलवाई गई। मास्‍क लगाने के लिए लोगों को प्रेरित करने या गाइडलाइन के पालन के और भी तरीके हो सकते हैं, जो कानून के दायरे में आते हैं, लेकिन नियम-कानून के दायरे के बाहर जाकर ऐसा करना कितना सही है, ये सवाल जरूर है।

बिहार ही नहीं, भोपाल में भी लगाई जा रही उठक-बैठक

उठक-बैठक लगवाने का सिलिसिला केवल बिहार में नहीं चल रहा है, बल्कि भोपाल में भी ये हो रहा है। भोपाल के करोंद में मास्‍क लगाने पर उठक-बैठक लगवाई गई। हालांकि, दिल्‍ली से तो एकदम उल्‍टा मामला ही सामने आ गया। यहां पर मास्‍क के लिए टोकने पर शख्‍स ने ताबड़तोड़ पांच गोलियां चला डालीं। वह पत्‍नी, रिश्‍तेदार के साथ घूम रहा था। पुलिस ने टोका तो वह सनक ही गया। गोली चलाने वाला शख्‍स पेशे से वकील बताया जा रहा है।

बिना मास्‍क नजर आए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पाडेय

बिहार पर वापस लौटते हैं, यहां प्रशासन आम लोगों के मास्‍क न पहनने पर उनसे उठक-बैठक लगवा रहा है, लेकिन नेताओं पर उसका कोई बस नहीं चल रहा है। करीब तीन हफ्ते पहले की ही बात है जब बिहार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय की किसान सम्‍मेलन में शामिल होने वाली तस्‍वीरें सुर्खियां बनी थीं। मंत्रीजी बिना मास्‍क के आराम से कोविड गाइडलाइन का भरपूर पालन करते नजर आए थे।

बिना मास्‍क घूम तेजप्रताप, लेकिन मास्‍क न पहनने पर आरजेडी सदस्‍य की हुई पिटाई

पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी मॉल में बिना मास्‍क के घूमते देखे गए, लेकिन उठक-बैठक का फॉर्मूला उस समय किसी को याद नहीं आया। हां, पुलिस ने आरजेडी के एक सामान्‍य कार्यकर्ता की मास्‍क न पहनने पर पिटाई जरूर कर डाली थी। बिहार शरीफ का यह वीडियो भी खूब वायरल हुआ था।