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भारत की पहली बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियन पीवी सिंधु 5 जुलाई को 25 साल की हो गईं। सिंधु ने ओलंपिक मेडल, कॉमनवेल्थ गेम्स मेडल और वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने के लिए दिन-रात मेहनत किया है। ओलंपिक 2016 से पहले तो कोच पुलेला गोपीचंद ने 8 महीने के लिए मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं फिटनेस और फोकस बनाए रखने के लिए मीठा खाना भी बैन कर दिया था। सिंधु अपनी सफलता का श्रेय हमेशा गोपीचंद को देती हैं। वे 6-7 घंटे तक अभ्यास करवाते हैं।
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सिंधु ने 2016 रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।
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ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीतने वाली सिंधु ने पिछले साल इतिहास रचा था। उन्होंने बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप-2019 के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को करारी शिकस्त दी थी।
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सिंधु का वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में 5वां मेडल था। वे ऐसा करने वाली दुनिया की दूसरी महिला खिलाड़ी थीं। उन्होंने 1 गोल्ड, 2 सिल्वर, 2 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए थे।
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सिंधु कॉमनवेल्थ गेम्स में इसके अलावा एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल भी जीत चुकी हैं।
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कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 (गोल्ड कोस्ट) में उन्होंने मिक्स्ड टीम इवेंट में भी गोल्ड मेडल जीता था।
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सिंधु और साइना नेहवाल के बीच मैच हमेशा रोमांचक रहा है। दोनों के बीच हुए 4 मुकाबलों में साइना 3 और सिंधु 1 में जीतने में सफल रहीं। साइना और सिंधु दोनों ने पुलेला गोपीचंद से ट्रेनिंग ली है।
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भारत में साइना को छोड़कर अगर किसी खिलाड़ी ने सिंधु को परेशान किया है तो वो स्पेन की कैरोलिन मारिन हैं। उन्होंने 14 में से 8 मुकाबलों में सिंधु को हराया।
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पुलेला गोपीचंद हमेशा सिंधु को मुश्किल अभ्यास करवाते हैं और नई टेक्निक सिखाते हैं।
