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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ प्लान ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। ट्रंप ने ये टैरिफ उन देशों पर लगाया है जो अमेरिकी निर्यात पर उच्च टैरिफ लगाते हैं। (Photo: Reuters)
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इसे डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ नाम दिया है जो 2 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गया है। डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान के दौरान ‘टैरिफ’ अहम मुद्दा था जिसे लेकर उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति बनते ही इसे लागू कर देंगे। (Photo: Reuters)
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टैरिफ के पीछे किसका दिमाग
जिस टैरिफ ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है उसके पीछे डोनाल्ड ट्रंप का नहीं बल्कि पीटर नवारो का दिमाग था जो अमेरिकी राष्ट्रपति के बेहद ही खास हैं। (Photo: Peter Navarro/Insta) -
ट्रंप के बेहद खास
पीटर नवारो ट्रंप के खास होने के साथ ही एक प्रमुख अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद के दौरान व्यापार नीति को जो मुख्य आकार देने का काम किया वो पीटर ही हैं। (Photo: Reuters) -
व्यापार एजेंडे के ‘मेन ब्रेन’
डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे प्रशासन में पीटर नवारो ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। नावरो के बारे में कहा जाता है कि वह राष्ट्रपति के संरक्षणवादी व्यापार एजेंडे के पीछे ‘मेन ब्रेन’ हैं। (Photo: Peter Navarro/Insta) डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों लगाया दुनिया पर टैरिफ, भारत पर 26% या 27%? जानें किन देशों पर मेहरबान हुआ अमेरिका -
इस देश से असली मुकाबला
पीटर नवारो का काम अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने, व्यापार घाटे को कम करने और अन्य देशों खासकर चीन द्वारा अनुचित व्यापार प्रथाओं का मुकाबला करने के लिए टैरिफ का उपयोग करने में लंबे समय से चले आ रहे विश्वास से उपजा है। (Photo: Indian Express) -
यूएस-चीन ट्रेड वॉर के पीछे भी पीटर का दिमाग
डोनाल्ड ट्रंप जब पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति (2017-2021) बने थे तब जो अमेरिका और चीन संग ट्रेड वॉर शुरू हुआ था उसका श्रेय भी पीटर नवारो को जाता है। चीनी सामान पर टैरिफ लगाने का दिमाग उस दौरान भी उन्होंने ही दिया था। (Photo: Reuters) -
डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में क्या थे?
नावरो की कोशिश ग्लोबल सप्लाई चेन को अमेरिका में वापस लाने का है। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान उनके लिए विशेष रूप से व्हाइट हाउस में ट्रेड एंड मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी बनाया था जिसके पीटर निदेशक थे। (Photo: Reuters) -
पीटर नवारो का अमेरिका के सबसे बड़े आर्थिक प्रतिद्वंद्वी चीन से रहा है। उनकी व्यापार नीतियों का उद्देश्य चीन के प्रभाव को कम करने का रहा है। (Photo: Indian Express)
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राजनीति में आने से पहले क्या करते थे?
एजुकेशन की बात करें तो पीटर नवारो ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी किया है। राजनीति में आने से पहले वो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, इरविन में अर्थशास्त्र और पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर थे। (Photo: Reuters) क्या छिड़ गया टैरिफ युद्ध? ट्रंप के ही लहजे में पेट्रो का जवाब, कोलंबिया से क्या-क्या खरीदता है अमेरिका
