• English English
  • தமிழ் தமிழ்
  • বাংলা বাংলা
  • മലയാളം മലയാളം
  • ગુજરાતી ગુજરાતી
  • हिंदी हिंदी
  • मराठी मराठी
  • Business Business
  • बिज़नेस बिज़नेस

Jansatta

  • Facebook
  • Twitter
  • Linkedin
  • Instagram
LIVE TV
  • होम
  • ताजा खबर
  • राष्ट्रीय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • राज्य
  • फोटो
  • वीडियो
  • आस्था
  • लाइफस्टाइल
  • हेल्थ
  • टेक्नोलॉजी
  • पैसा
  • एजुकेशन
  • ई-पेपर
  • इन्वेस्टिगेशन स्टोरी
  • LIVE: IND vs SA
  • वायरल
  • राशिफल
  • हिन्दू कैलेंडर
  • इन्वेस्टिगेशन स्टोरी
  • LIVE: IND vs SA
  • वायरल
  • राशिफल
  • हिन्दू कैलेंडर
  1. Hindi News
  2. Photos
  3. the decade ahead 10 predictions for what the world will look like in 10 years

Stratfor: यूरोप के होंगे 4 टुकड़े, रूसी परमाणु हथियारों के लिए अमेरिका को तैनात करनी होगी फौज

प्राइवेट इंटेलीजेंस फर्म स्‍ट्रैटफोर ने Decade Forecast: 2015-2025 में कई अहम भविष्‍वाणी की हैं। इसमें बताया गया है कि आने वाले 10 वर्षों में यूरोप की स्थिति कैसी रहेगी? स्‍ट्रैटफोर ने ईस्‍ट एशिया से लेकर अमेरिका तक के बारे में कई अहम बातें कही हैं।

By: जनसत्ता ऑनलाइन
February 4, 2016 20:12 IST
हमें फॉलो करें
    • Decade Forecast 2015 2025, 10 predictions, Decade Forecast Europe, japan, china, russia, germany, polland, Middle East, North Africa, turkey, East Asia, अगले दशक की भविष्‍वाणी, चीन, भारत, जापान, तुर्की, रूस, अमेरिका, barack obama, Chinese President, Xi Jinping, Vladimir Putin, shinzo abe, angela merkel
      प्राइवेट इंटेलीजेंस फर्म स्‍ट्रैटफोर ने Decade Forecast: 2015-2025 में कई अहम भविष्‍वाणी की हैं। इसमें बताया गया है कि आने वाले 10 वर्षों में यूरोप की स्थिति कैसी रहेगी? स्‍ट्रैटफोर ने ईस्‍ट एशिया से लेकर अमेरिका तक के बारे में कई अहम बातें कही हैं। आगे की स्‍लाइड में पढ़ें अगले एक दशक में कैसे बदलेगी दुनिया
    • चार भागों में बंट जाएगा यूरोप: यूरोप की एकता से आज पूरी दुनिया प्रभावित है। लेकिन अगले दशक में इसे नजर लग सकती है। स्‍ट्रैटफोर ने दावा किया है कि यूरोप के चार टुकड़े हो सकते हैं। वेस्‍टर्न यूरोप, ईस्‍टर्न यूरोप, स्कैंडिनेविया और ब्रिटिश आईलैंड। हालांकि, यूरोपीय देशों के पड़ोसियों से अच्‍छे रिश्‍ते रहेंगे, लेकिन ये उतने अच्‍छे नहीं होंगे, जितने कि अब हैं। यह संभव है कि अगले 10 साल में यूरोपियन यूनियन का अस्तित्‍व बचा रहे, लेकिन राजनीतिक, आर्थिक और सैन्‍य मामलों की दिशा दि्पक्षीय रिश्‍तों के आधार पर तय होगी।
    • दुनिया के लिए खतरा बनेंगे रूस के परमाणु हथियार, अमेरिकी को करनी पड़ेगी सैन्‍य कार्रवाई : रूस के परमाणु हथियारों का इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर काफी बड़े क्षेत्र में फैला है। अगर कहीं राजनीतिक संकट पैदा हुआ तो रूस के परमाणु हथियार अगले दशक में दुनिया के सामने सबसे बड़ी समस्‍या बनकर उभरेंगे। स्‍ट्रैटफोर की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा होने की पूरी संभावना है और अगर यह स्थिति आती है तो अमेरिका ही इकलौता देश होगा, जो इस चुनौती से निपटने में सक्षम होगा। हालांकि, उसके लिए भी यह कार्य आसान नहीं होगा, क्‍योंकि वह हर परमाणु ठिकाने पर जाकर कब्‍जा तो नहीं कर सकता है। वह इस बात की भी गारंटी नहीं ले सकता कि इन परमाणु ठिकानों से कोई मिसाइल नहीं छोड़ा जाएगा। ऐसे में अमेरिका के पास सिर्फ सैन्‍य कार्रवाई का ही विकल्‍प बचता है, लेकिन मौजूदा स्थिति के हिसाब से यह भी आसान नहीं लगता।
    • बड़ी मुसीबतों से घिर जाएगा चीन : भारत का सबसे ताकतवर पड़ोसी चीन अगले दशक में बड़ी परेशानियों से घिरने वाला है। स्‍ट्रैटफोर के मुताबिक, ड्रैगन की आर्थिक रफ्तार समय के साथ धीमी पड़ती जाएगी। इस कारण सत्‍तारूढ़ कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के खिलाफ असंतोष पनपेगा। लेकिन विरोध के बाद भी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी उदारीकरण की राह पर नहीं चलेगा। इसके अलावा चीन की ग्रोथ का सभी राज्‍यों को बराबर लाभ नहीं मिल सकेगा। चीन के तटीय इलाकों में तो कारोबार अच्‍छा रहेगा, लेकिन इंटीरियर के क्षेत्र इंटरनेशनल मार्केट से कट जाएंगे। समय के साथ यह समस्‍या चीन में बढ़ती ही जाएगी।
    • बड़ी नेवल पावर बनकर उभरेगा जापान जापान आईलैंड नेशन है और उसकी उसका नौसैनिक इतिहास सदियों से बेहद समृद्ध रहा है। दूसरी ओर चीन पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में लगातार ताकत बढ़ रहा है। ऐसे में जापान के पास नौसैनिक ताकत बढ़ाने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं बचेगा। मौजूदा दौर में अमेरिका उसके साथ है, लेकिन आने वाले समय में वह कमजोर होगा और जापान को अपने दम पर नौसैनिक ताकत अर्जित करनी होगी। मौजूदा दौर में जापान पूरी तरह अमेरिका पर निर्भर है, लेकिन भविष्‍य में अमेरिका विदेश मामलों में दखल सीमित कर देगा। उस वक्‍त जापान नौसैनिक बढ़ानी ही पड़ेगी।
    • रूस का पतन: अगले 10 सालों के भीतर रूस में कोई बगावत तो नहीं होगी, लेकिन सत्‍ता में बैठे लोगों को पहले जैसा जनसमर्थन नहीं मिलेगा। साथ ही सत्‍ता प्रतिष्‍ठानों की पकड़ भी ढीली होगी। इसके परिणामस्‍वरूप रूस अपनी सेना पर भारी खर्च नहीं कर पाएगा। सरकार कड़े फैसले नहीं ले सकेगी। हालांकि, यह तो नहीं कहा जा सकता कि रूस का विघटन हो जाएगा, लेकिन रूसी संघ मौजूदा स्‍वरूप में भी नहीं रह पाएगा।
    • पोलैंड बनेगा यूरोप का लीडर: अगला दशक भले ही जर्मनी के लिए कुछ खास साबित न हो, लेकिन इसके पूर्व में स्थित पोलैंड यूरोप का अगला लीडर साबित हो सकता है। स्‍ट्रैटफोर के मुताबिक, आने वाले समय में पोलैंड की जनसंख्‍या कम नहीं होगी। रूस के पश्चिमी छोर पर स्थित यह देश बेहद समृद्ध और सबसे बड़ा देश है। अमेरिका के साथ पोलैंड की रणनीतिक साझेदारी दुनिया से छिपी नहीं है। ऐसे में यह राष्‍ट्र बड़ी राजनीतिक और आर्थिक शक्ति के रूप में उभर सकता है।
    • जर्मनी की अर्थव्‍यवस्‍था को खतरा: जर्मनी की अर्थव्‍यवस्‍था निर्यात पर निर्भर करती है। यूरोप में व्‍यापार उदारीकरण का सबसे ज्‍यादा लाभ इसी देश ने उठाया। यूरोपियन यूनियन के गठन के बाद जर्मनी ने एक्‍सपोर्ट के दम पर अर्थव्‍यवस्‍था को नई ऊंचाइयां दीं, लेकिन अगले एक दशक में यही बात उसके लिए सबसे ज्‍यादा नुकसानदायक साबित हो सकती है। जर्मनी की हालत जापान जैसी हो जाएगी, क्‍योंकि वहां भी जनसंख्‍या कम है और ऐसे में घरेलू बाजार का संकट पैदा होगा।
    • घटेगी अमेरिका की ताकत: अगले दशक में अमेरिका की ताकत घटेगी। स्‍ट्रैटफोर के मुताबिक, आने वाले समय में अमेरिका निर्णय लेने से पहले सोचेगा और वह दुनिया की समस्‍याओं को सुलझाने के लिए तत्‍पर नजर आएगा। बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था, घरेलू ऊर्जा स्रोतों में इजाफा और एक्‍सपोर्ट में कमी के कारण अमेरिका दुनिया की समस्‍याओं से खुद को दूर रखने में भलाई समझेगा।
    • 1/11

      दक्षिण चीन सागर

    • 2/11

      अरब देशों की अस्थिरता का तुर्की को मिलेगा लाभ: अरब देशों में अस्थिरता अगले दशक में भी समाप्‍त होती नहीं दिख रही है। इसका सबसे ज्‍यादा फायदा तुर्की को होगा। जो कि स्थिर देश है, इसका बॉर्डर काले सागर से लेकर इराक और सीरिया तक लगता है। ऐसे में तुर्की का अमेरिका के पास कोई विकल्‍प नहीं होगा, लेकिन इसके बदले में वह भी कुछ चाहेगा। तुर्की चाहेगा कि अमेरिका उसे रूस से बचाए। वहीं, अमेरिका उसकी मदद करता रहेगा, लेकिन अपनी शर्तों के आधार पर।

TOPICS
angela merkel
Barack obama
China
Germany
Japan
Middle East
Russia
shinzo abe
Turkey
vladimir putin
Xi Jinping
+ 7 More
अपडेट
‘राहुल की कमान में कांग्रेस इतिहास में दफन हो जाएगी, जैसे औरंगजेब…’ बीजेपी का कांग्रेस पर हमला
‘यहूदी विरोध एक कैंसर है, मैंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को चेताया था…’, सिडनी आतंकी हमले पर नेतन्याहू का बयान
‘जेनरेशनल शिफ्ट’ की ओर बढ़ रही BJP? जानें नितिन नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के पीछे क्या है रणनीति
‘खून-खराबा और नरसंहार था…’, हमास के हमले के बाद सिडनी की गोलीबारी में भी बचे शख्स ने क्या कहा?
राम मंदिर आंदोलन के शहीदों की याद में बनेगा स्मारक, ट्रस्ट का बड़ा फैसला
तिलक ने 4000 रन बनाए और तोड़ा गिल का यह रिकॉर्ड; शुभमन भी 2025 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बैटर बने, इनसे निकले आगे
‘पर्ची राष्ट्रीय अध्यक्ष…’, नितिन नबीन की नियुक्ति पर आम आदमी पार्टी ने कह दी बीजेपी को चुभने वाली बात 
सबसे ज्‍यादा पढ़ी गई
‘जहां कभी लाल सलाम के नारे लगते थे, वहां भारत माता की जय की गूंज’ बस्तर में बोले अमित शाह- क्षेत्र अब नक्सल मुक्त होने के कगार पर
IND vs SA: अभिषेक शर्मा ने साल 2025 में तीसरी बार किया ये खास कमाल, गिल के साथ मिलकर रोहित-राहुल की कर ली बराबरी
राष्ट्रपति ने दो साल की बच्ची से दुष्कर्म-हत्या के दोषी की दया याचिका खारिज की
मुंबई का रहमान डकैत कौन? एकनाथ शिंदे ने महायुति को बताया ‘धुरंधर गठबंधन’, निशाने पर उद्धव ठाकरे
फोटो गैलरी
10 Photos
सर्दियों में भारत के मेहमान होते हैं ये 10 खूबसूरत पक्षी, हजारों किलोमीटर दूर से आते हैं यहां
2 days agoDecember 12, 2025
11 Photos
लाल आलू क्यों है सफेद आलू से ज्यादा हेल्दी? जानें इसके चौंकाने वाले फायदे
2 days agoDecember 12, 2025
8 Photos
आलस को जड़ से खत्म कर देंगी ये 7 जापानी तकनीकें, जिंदगी से हमेशा के लिए मिटा देंगे टालमटोल
2 days agoDecember 12, 2025
और पढ़ें
Terms & Condition Privacy Policy Contact Us
Copyright © 2025 The Indian Express [P] Ltd. All Rights Reserved

  • होम
  • ताजा खबर
  • राष्ट्रीय
  • मनोरंजन
  • खेल
    • क्रिकेट
    • लाइव क्रिकेट स्कोर
  • राज्य
  • फोटो
  • वीडियो
  • आस्‍था
  • लाइफस्टाइल
  • हेल्थ
  • टेक्नोलॉजी
  • एजुकेशन
  • जुर्म
  • वेब स्टोरी
  • पॉडकास्ट
  • जनसत्ता ई-पेपर
  • ऑटो
  • अंतरराष्ट्रीय
  • ट्रेंडिंग
  • व्यापार
  • विचार
  • राजनीति
  • राशिफल
  • Shorts
  • रील
  • जनसत्ता स्पेशल
  • हमसे संपर्क करें:
  • T&C
  • Privacy Policy
  • About US