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उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। 403 विधानसभा सीटों वाले इस सूबे के मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) हैं। योगी से पहले पिछले दो दशकों से प्रदेश की राजनीति मायावती (Mayawati), मुलायम सिंह (Mulayam Singh Yadav) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के आसपास ही घूमती रही है। मायावती राज्य की 4 बार मुख्यमंत्री बनीं। मायावती के अलावा प्रदेश में और भी कई नेत्रियां हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र के बाहुबलियों को धूल चटा खूब सुर्खियां बटोरी हैं। आइए जानते हैं यूपी की ऐसी ही चंद चर्चित नेत्रियों पर एक नजर:
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राजकुमारी रत्ना सिंह कालाकांकर राजघराने से हैं। वह प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रह चुकी हैं। प्रतापगढ़ सीट पर शुरू से इसी राजघराने का दबदबा रहा है। लेकिन राजा भैया के राजनीतिक उदय के साथ इस परिवार की प्रभाव कम होते गया। (यह भी पढ़ें: जब प्रेग्नेंट थीं पत्नी तब जेल में बंद थे राजा भैया, मुलायम ने निकाला तब देख पाए थे बेटों का मुंह )
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रत्ना सिंह 1996 और 1999 में प्रतापगढ़ से कांग्रेस लोकसभा सांसद रहीं। 2004 के लोकसभा चुनाव में बाहुबली राजा भैया के हाथों उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। दरअसल राजा भैया के बेहद करीबी अक्षय प्रताप सिंह ने राजकुमारी रत्ना सिंह को हरा दिया था। लेकिन राजकुमारी ने हार नहीं मानी और 2009 में फिर से वापसी की। उन्होंने इस चुनाव में राजा भैया के करीबी को करारी शिकस्त दी। (यह भी पढ़ें : ‘पढ़ेगा तो बुजदिल बन जाएगा’, राजा भैया को अनपढ़ रखना चाहते थे उनके पिता, मां ने चोरी से भेजा था स्कूल )
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पूजा पाल बसपा का चर्चित नाम हैं। उनके पति राजू पाल भी बीएसपी विधायक थे। उनकी हत्या कर दी गई थी।
हत्या का आरोप लगा बाहुबली अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ पर। राजू पाल की हत्या के बाद उनकी विरासत को उनकी पत्नी पूजा पाल ने संभाला। ( यह भी पढ़ें: ‘मायावती को छूकर हाथ गंदे नहीं करना चाहता’, जब बसपा चीफ के लिए ऐसा कुछ बोल गए थे राजा भैया ) -
यूपी की इलाहाबाद पश्चिमी सीट से पहली ही बार में उन्होंने पूर्व सांसद अतीक अहमद के बाहुबल और धनबल को चकनाचूर करते हुए उनके भाई अशरफ को हरा दिया। उस चुनाव के बाद ही अतीक अहमद के बुरे दिन भी शुरू हो गए थे पूजा पाल ने शहर पश्चिमी से अतीक अहमद के तिलिस्म को खत्म कर दिया।(यह भी पढ़ें: जेब से रूमाल निकाल मायावती की जूती साफ करने लगे थे DSP, बसपा चीफ ने देखा तक नहीं था )
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रामलली मिश्रा जेल में बंद विधायक विजय मिश्रा की पत्नी हैं। वह अब यूपी की सियासत का जाना माना नाम बन चुकी हैं। 2016 के एमएलसी चुनाव में उन्होंने बाहुबली विनीत सिंह के भाई को करारी हार दी थी। विनीत सिंह ने इस सीट को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था, लेकिन फिर भी वह अपने भाई को जिता नहीं पाए थे। (यह भी पढ़ें: राजा भैया की बहन हैं विभा सिंह, राजघराने में हुई है शादी, कांग्रेस सांसद रह चुके हैं बहनोई )
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अलका राय गाजीपुर में मोहम्मदाबाद से बीजेपी की विधायक हैं। उनके पति कृष्णानंद राय की सरेआम नृशंस हत्या कर दी गई थी। ( यह भी पढ़ें: इस नेता से बुआ सुन भड़क गईं मायावती, कहा – जवान दिखाने के लिए मुझसे जोड़ते हैं रिश्ता )
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हत्या का आरोप लगा सजायाफ्ता डॉन मुख्तार अंसारी पर। पति की मौत बाद अलका राजनीति में आईं और मुख्तार के भाई जो मोहम्मदाबाद से विधायक भी थे उन्हें पटखनी दी। अब इस सीट पर अलका राय का ही दबदबा है।(यह भी पढ़ें: जब गेस्ट हाउस कांड के बाद प्लेन में टकरा गए थे मायावती और मुलायम, सुरक्षाकर्मियों के फूल गए थे हाथ-पांव )
