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भारत का 76वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2025 को एक भव्य समारोह के रूप में मनाया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी खास पोशाक के जरिए भारतीय संस्कृति और धरोहर को सम्मानित किया। पीएम मोदी का गणतंत्र दिवस पोशाक इस बार एक खास संदेश देने के लिए तैयार किया गया था, जो न केवल भारत की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है, बल्कि देश की विकास यात्रा को भी उजागर करता है। (PTI Photo)
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इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने एक सुंदर केसरिया और लाल रंग का साफा (पगड़ी) पहना, जो भारतीय संस्कृति और विविधता का प्रतीक है। इस साफे में लाल और केसरिया रंगों का मिश्रण भारतीय धरोहर और विकास की प्रतीकता करता है। (REUTERS/Photo)
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बता दें, इस साल गणतंत्र दिवस का विषय ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और लगातार विकास की यात्रा को रेखांकित करता है। साफे का केसरिया रंग ‘स्वर्णिम भारत’ के विषय को दर्शाता है, जो भारत के समृद्ध और उज्जवल भविष्य का प्रतीक है। यह रंग देश के संस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय गौरव को भी अभिव्यक्त करता है। (PTI Photo)
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प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार अपनी पोशाक के लिए एक भूरा बंदगला कोट चुना, जो एक शाही और परंपरागत लुक देता है। इस बंदगला कोट के साथ उन्होंने क्रीम रंग की चूड़िदार कुर्ता सेट पहनी, जो उनकी सादगी और भारतीय परंपरा की ओर इशारा करता है। (PTI Photo)
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यह संयोजन भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध इतिहास को सम्मानित करता है, जो गणतंत्र दिवस के इस साल के ‘स्वर्णिम भारत – विरासत और विकास’ के थीम से मेल खाता है। (PTI Photo)
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बता दें, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी ने हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर एक विशिष्ट और रंगीन साफा पहनने की परंपरा बनाई है। इस साफे का पहनना सिर्फ एक फैशन स्टेटमेंट नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विविधता को समर्पित एक प्रतीक है। (PTI Photo)
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उनका हर परिधान भारतीय विविधता, शिल्पकला और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतिनिधित्व करता है, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों और सांस्कृतिक पहचान को सम्मानित करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के फैशन को अक्सर भारतीय परंपरा, संस्कृति और विकास का प्रतीक माना जाता है। (PTI Photo)
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