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Mayawati BSP: यूपी की राजनीति में जब भी मायावती का नाम लिया जाता है तो गेस्ट हाउस कांड की चर्चा भी जरूर होती है। ये एक ऐसी घटना थी जिसने राजनीतिक मूल्यों की हत्या तो की ही साथ ही मायावती को एक बड़े और मजबूत नेता के तौर पर स्थापित भी कर दिया। हालांकि अब इसे राजनीतिक मजबूरी कहें या फिर कुछ और कि जिन लोगों पर गेस्ट हाउस कांड के दाग लगे थे उनमें से कुछ लोग मायावती के ही साथी बन गए।
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साल 1993 में बसपा और सपा ने मिलकर सरकार बनाई थी। लेकिन 1995 में बसपा इस गठबंधन से अलग होने लगीं। लखनऊ के सरकारी गेस्ट हाउस में मायावती अपने विधायकों के साथ थीं। वहीं पर कुछ लोगों की भीड़ ने मायावती और बसपा विधायकों पर हमला बोल दिय़ा था।(यह भी पढ़ें: ‘मायावती को छूकर हाथ गंदे नहीं करना चाहता’, जब बसपा चीफ के लिए ऐसा कुछ बोल गए थे राजा भैया )
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मायावती और बहुजन समाज पार्टी ने तब मुलायम सिंह समेत कई लोगों के पर इस हिंसा का आरोप लगाया था। (यह भी पढ़ें: जब गेस्ट हाउस कांड के बाद प्लेन में टकरा गए थे मायावती और मुलायम, सुरक्षाकर्मियों के फूल गए थे हाथ-पांव )
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जिन नेताओं पर इस हिंसा में शामिल होने का आरोप लगा उसमें से आजमगढ़ के चर्चित नेता रहे उमाकांत यादव का भी था। (यह भी पढ़ें: जेब से रूमाल निकाल मायावती की जूती साफ करने लगे थे DSP, बसपा चीफ ने देखा तक नहीं था )
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उमाकांत यादव का नाम यूपी के बाहुबलियों में शुमार है। उनपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। कोर्ट ने उनपर चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित भी किया था।(यह भी पढ़ें: जब अपने छोटे भाई को कंधे पर लेकर 6 किलोमीटर पैदल भागी थीं मायावती, खतरे में थी जान)
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मायावती के साथ हिंसा का आरोप जिन उमाकांत यादव पर लगा वह 2004 में बसपा के हाथी पर ही सवार हो घए। मायावती ने अदावत भुलाकर टिकट दिया। उमाकांत ने मछलीशहर से चुनाव जीता और संसद भी पहुंच गए।(यह भी पढ़ें: जब अखिलेश और डिंपल के कारण अपने बॉडीगार्ड पर बुरी तरह भड़क गईं मायावती, जमकर लगाई थी डांट )
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यूपी के चर्चित माफिया डॉन अन्ना शुक्ला का नाम भी गेस्ट हाउस कांड में सामने आया था। तब अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना शुक्ला सपा में थे। आगे चलकर वह भी बसपा में शामिल हो गए।(यह भी पढ़ें: मायावती को बुआ मानते हैं अखिलेश यादव, मुलायम को छोड़ इन 3 नेताओं को राखी बांधती रही हैं बसपा चीफ)
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जिस गेस्ट हाउस कांड ने मायावती और मुलायम को सबसे बड़ा राजनैतिक दुश्मन बना दिया था उसकी कड़वाहट को भुलाकर सपा और बसपा ने 2019 में हाथ मिला लिया था। हालांकि ये गठबंधन ज्यादा दिन नहीं चला था।(यह भी पढ़ें: मायावती के लिए अपनी इकलौती बेटी को दफनाने तक नहीं गए थे BSP के ये नेता, पार्टी से हो चुके हैं बाहर)
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Photos: PTI and Social Media
