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ब्रजभूमि में बुधवार, 15 अक्टूबर का दिन बेहद आध्यात्मिक और भावनात्मक क्षणों से भरा रहा। मथुरा-वृंदावन स्थित रमणरेती वाराहघाट के राधा केली कुंज आश्रम में मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास जी महाराज, प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज से मिलने पहुंचे। इस पावन मिलन के साक्षी बने श्रद्धालुओं की आंखें उस समय नम हो गईं जब दोनों संतों ने एक-दूसरे के प्रति गहरी श्रद्धा और प्रेम का भाव प्रकट किया। (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube)
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जैसे ही श्री प्रेमानंद जी महाराज ने महंत राजेंद्र दास जी महाराज के दर्शन किए, उनके आंखों से आंसू बह निकले। वे भाव-विभोर होकर चौखट पर दंडवत हो गए और भक्ति भाव से उनके चरण धोकर पूजन किया। इस दौरान आश्रम परिसर में उपस्थित भक्तजन भी भावनाओं से सराबोर हो उठे। (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube)
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राजेंद्र दास जी महाराज ने भी स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए ब्रजभूमि के संतों की भक्ति, साधना और भगवान श्रीराम-श्रीकृष्ण से जुड़े अनेक रोचक प्रसंग सुनाए। उन्होंने श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमानजी के द्वापर युग में श्रीकृष्ण, राधारानी और अष्टसखियों के रूप में अवतरण की कथा का भी उल्लेख किया। (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube)
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प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य हुआ बेहतर
पिछले कुछ समय से स्वामी प्रेमानंद जी महाराज अस्वस्थ चल रहे थे, जिसके चलते उनकी पदयात्रा रोक दी गई थी। उनके स्वास्थ्य को लेकर भक्तों में चिंता व्याप्त थी, लेकिन अब उनका स्वास्थ्य धीरे-धीरे बेहतर हो रहा है। लगातार देशभर से संत उनके स्वास्थ्य का हाल जानने राधा केली कुंज पहुंच रहे हैं। हाल ही में बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी उनसे भेंट की थी। (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube) -
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
राजेंद्र दास जी महाराज और प्रेमानंद जी महाराज के इस मिलन का वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही वायरल हो गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रेमानंद महाराज स्वयं आश्रम के द्वार तक राजेंद्र दास जी महाराज के स्वागत के लिए पहुंचे। (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube) -
चौखट पर उन्होंने दंडवत कर उनका स्वागत किया, वहीं राजेंद्र दास जी महाराज ने भी भावनात्मक होकर उन्हें प्रणाम किया। दोनों संतों के इस मिलन ने लाखों भक्तों के हृदय को छू लिया। (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube)
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कौन हैं श्री राजेंद्र दास जी महाराज?
श्री राजेंद्र दास जी महाराज वृंदावन स्थित मलूक पीठ के पीठाधीश्वर हैं। यह पीठ संत शिरोमणि मलूक दास जी के नाम पर स्थापित की गई थी। पहले इसे श्री मलूक दास जी अखाड़ा कहा जाता था, जहां संत मलूक दास जी महाराज लगभग 2500 संतों के साथ निवास करते थे। आज भी इसे जागृत समाधि स्थल के रूप में माना जाता है। (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube) -
राजेंद्र दास जी महाराज के गुरु एक विख्यात रामानंदी संत रहे हैं, जिन्होंने उन्हें वृंदावन में अध्ययन और साधना के लिए प्रेरित किया। महाराज संस्कृत और श्रीमद्भागवत पुराण के गहन ज्ञाता हैं। उनकी प्रवचन वाणी में अध्यात्म, भक्ति और ज्ञान का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube)
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1954 में चित्रकूट के पास एक छोटे से गांव में जन्मे राजेंद्र दास जी महाराज आज देशभर में भक्ति रस और वेदांत के गूढ़ संदेशों को सरल भाषा में समझाने के लिए जाने जाते हैं। उनके प्रवचनों से श्रोताओं को जीवन के दुख और निराशा से मुक्ति का मार्ग मिलता है। (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube)
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प्रेमानंद महाराज का अनुरोध और भजन
मुलाकात के दौरान प्रेमानंद महाराज ने विनम्रता से अनुरोध किया कि राजेंद्र दास जी महाराज कोई भजन सुनाएं। इस पर उन्होंने अपनी मधुर वाणी में भजन “प्यारी तेरे नैना मदन सरवारी, रत्ननारी कारी कजरारी…” गाया। पूरा वातावरण भक्ति और प्रेम से ओतप्रोत हो उठा। (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube) -
इसके बाद दोनों संतों ने श्रीराम और श्रीकृष्ण की महिमा पर चर्चा की। इस दौरान राजेंद्र दास जी महाराज ने कहा, “यह श्रीजी की विशेष कृपा है कि उन्होंने आप जैसी विभूति को इस धरा पर भेजा।” इस पर प्रेमानंद महाराज ने विनम्र भाव से उत्तर दिया, “हम इतना नहीं जानते, बस इतना चाहते हैं कि श्रीजी की कृपा भक्तों पर बनी रहे।” (Photo Source: Bhajan Marg/YouTube)
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