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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े कुछ चीजों को अगर हम अपनी लाइफ में अमल करें तो कई सारी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। गांधी जी से जुड़ा एक किस्सा है कि एक समय उन्होंने पका हुआ खान छोड़ दिया था। हर रोज वो कई किलोमीटर तक पैदल चलते थे। (Photo: Indian Express)
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इतना चलते थे पैदल
छात्र जीवन में महात्मा गांधी पैदल चलना अधिक पसंद करते थे। साल 1890 में जब वो लंदन गए थे तब हर दिन शाम को 12 किलोमीटर तक पैदल चलते थे। (Photo: Indian Express) -
भोजन के बाद कितनी देर टहलते थे राष्ट्रपिता
इसके साथ ही महात्मा गांधी सोने से पहले 30-45 मिनट वॉक करते थे। उनका मानना था कि एक स्वस्थ शरीर के लिए शाकाहारी भोजन के साथ ही एक्सरसाइज भी जरूरी है। राष्ट्रपिता आजीवन शाकाहारी रहे। (Photo: Indian Express) -
सुबह वॉक के बाद क्या करते थे महात्मा गांधी
महात्मा गांधी अपने खानपान में हमेशा प्रयोग करते रहते थे। जब वो दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे तब वो सेवाग्राम में रहने के दौरान चार बजे खुली हवा में टहलने जाया करते थे। लौटने के बाद वो तेल से मालिश करते थे। (Photo: Indian Express) -
नाश्ते में क्या खाते थे गांधी जी?
नाश्ते में महात्मा गांधी खजूर या फिर किसी एक फल के साथ बकरी का दूध लेते थे। बता दें कि, राष्ट्रपति ने किसी भी जानवर के दूध को न पीने की कसम खाई थी लेकिन एक बार जब वो अधिक बिमार पड़ गए तब डॉक्टरों ने उन्हें दूध पीने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने बकरी का दूध पीना शुरू किया। (Photo: Indian Express) -
पसंद आई थी महात्मा गांधी को ये डाइट
एक बार महात्मा गांधी सेवाग्राम में ऐसे व्यक्ति से मिले जो बिना आग पर पका भोजन खाते थे। महात्मा गांधी को उनकी ये डाइट पसंद आई और उन्होंने भी इसे फॉलो करना शुरू कर दिया। (Photo: Indian Express) -
महात्मा गांधी की डाइट का हिस्सा बन गया था अंकुरित अनाज
अंकुरित अन्न महात्मा गांधी के खानपान का हिस्सा काफी समय तक रहा। अंकुरित अनाज में ढेरों ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनके सेवन से कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। (Photo: Indian Express) -
ऐसा खाते थे खाना
अंकुरित अनाज खाने दौरान ही महात्मा गांधी को पेचिश की समस्या होने लगी जिसके बाद उन्होंने फिर से अपने भोजन में बदलाव किया। इसके बाद वो घर की चक्की में पिसे चोकर वाले आटे की डबल रोटी, खजूर, अंगूर, गेहूं की रोटी, शहद, मौसमी, नींबू, मेवे और बकरी का दूध भोजन और नाश्ते में लेने लगे। (Photo: Indian Express)