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समुद्र में भारतीय नौसना की ताकत और भी ज्यादा बढ़ गई है। दो अत्याधुनिक स्टैल्थ फ्रिगेट INS उदयगिरि और INS हिमगिरि को विशाखापट्टनम में एक साथ कमीशन किया गया है। ऐसे में आइए जानते हैं इनकी खासियत क्या है। (Photo: Indian Navy/FB) दुनिया के 10 देशों की सबसे ताकतवर आर्मी, लिस्ट में भारत का भी नाम शामिल
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1- अब भारतीय नौसेना के पास कुल 14 गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट हो गए हैं। हर एक फ्रिकेट में 8 वर्टिकल लॉन्च ब्रह्मोस एंटी-शीप मिसाइल लॉन्चर लगे हैं। दोनों ही युद्धपोत में ब्रह्मोस मिसाइल को फायर करने में सक्षम हैं। वहीं, आने वाले समय में भारतीय नौसेना के पास कुल 20 गाइडेट मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट होंगे। (Photo: Indian Express)
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2- INS उदयगिरि का निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है। ये नौसेना की वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो की 100वीं डिजाइन है। वहीं, INS हिमगिरि को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने तैयार किया जो इस शिपयार्ड से बनने वाला पहला P-17A युद्धपोत है। (Photo: Indian Navy/FB)
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3- आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि दोनों ही जहाजों का निर्माण प्रोजेक्ट 17A के तहत हुआ है। प्रोजेक्ट निलगिरी क्लास फ्रिगेट्स के तहत इन युद्धपोतों का निर्माण हुआ है। (Photo: Indian Navy/FB)
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4- इन दोनों युद्धपोतों में सीओडीओजी प्रपल्शन सिस्टम (डीजल और गैस टर्बाइन से चलने वाले) लगा हुआ है। इकनी रफ्तार 28 नॉट्स (52 किलोमीटर) प्रति घंटा है। दोनों 6,700 टन वजनी हैं। (Photo: @indiannavy/X)
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5- हथियारों का जखीरा है
INS उदयगिरि और INS हिमगिरि दोनों में ऐसे हथियार तैनात हैं जो दुश्मनों की होश उड़ा सकते हैं। इनमें लंबी दूरी की सतह से हना में मार करने वाली और सतह से सतह पर मार करने वाली मसाइलें भी तैनात हैं। (Photo: Indian Navy/FB) -
6- आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि दोनों में ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, बराक 18 मीडियम रेंज एयर डिफेंस मिसाइल, 76 मिनी गन, 30 मिमी और 12.7 मिमी क्लोज इन वेपन सिस्टम, टारपीडे और एंटी सबमरीन हथियार, उन्नत एईएसए रडार और सोनार सिस्मट शामिल हैं। (Photo: Indian Navy/FB)
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7- इन दोनों ही युद्धपोतों की डिजाइन भारत ने की है। साथ ही इनमें जो कलपुर्जे लगाए गए हैं वो 75 फीसदी देसी हैं। (Photo: @indiannavy/X)
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8- दोनों ही युद्धपोत स्टील्थ डिजाइन किए गए हैं जिसका अर्थ होता है कि ये दुश्मन की पकड़ में आसानी से आने वले नहीं हैं। इनकी डिजाइन ऐसी है कि ये दुश्मन के रडार, सेंसर और निगरानी प्रणाली में आसानी से दिखाई नहीं देंगे। (Photo: Indian Navy/FB)
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9- इन जोनों युद्धपोतों को नैसेना के ईस्टर्न फ्लीट में शामिल किया जाएगा। इससे भारत की हिंद महासाहर क्षेत्र में सुरक्षा और निगरानी की क्षमता और भी ज्यादा मजबूत होगी। (Photo: Indian Navy/FB) क्यों इतना खास है भारत का सुदर्शन S-400, आसमान में ही खाक कर सकता है 36 टारगेट