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Gayatri Devi : देश की आजादी के बाद कई राजघरानों के सदस्यों ने राजनीति में कदम रखा। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की फैमिली जेसे कई परिवार ऐसे हैं जो आज भी राजनीति में हैं तो वहीं कुछ लोगों ने चंद सालों में ही राजनीति को अलविदा कह दिया। ऐसा ही एक ना है राजमाता गायत्री देवी का। वह जयपुर राजघराने की महारानी थीं। 5 महीने जेल में रहने के बाद उन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया था:
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कूच बिहार रियासत की राजकुमारी गायत्री देवी की शादी जयपुर के राजा मान सिंह द्वितीय से हुई थी। शादी के बाद वह जयपुर राजघराने की महारानी बन गई थीं।
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गायत्री देवी तीन बार लोकसभा सांसद रहीं। उन्होंने 1962, 1967 और 1971 का लोकसभा चुनाव जीता था।
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गायत्री देवी ने अपना पहला चुनाव स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर जीता था। उनकी ये जीत गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुई थी। उन्हें 2.46 लाख मत में से 1.93 लाख मत मिले थे।
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गायत्री देवी की हमेशा से नेहरू गांधी परिवार से एक तल्खी बनी रही। जब वह पहली बार सांसद बनी थीं तब लोकसभा के अंदर ही पीएम जवाहरलाल नेहरू से भिड़ गई थीं। इंदिरा गांधी के साथ भी उनके संबंध कभी मधुर नहीं रहे।
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1975 में जब इंदिरा गांधी ने पूरे देश में इमरजेंसी लगाई थी तब महारानी गायत्री देवी को 5 महीने तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था।
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गायत्री देवी ने कई इंटरव्यूज में ये कहा कि इंदिरा गांधी के आगे ना झुकने के कारण ही उन्हें जेल भेजा गया था।
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जेल से रिहा होने के बाद वह राजनीति से दूर हो गईं। उसके बाद उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा। साल 2009 में 90 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
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Photos: AP and Social Media