-
भारत अपनी विविधता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर महीने कोई न कोई त्योहार या पर्व मनाया जाता है। हर त्योहार का अपना महत्व और उसे मनाने का एक अनोखा तरीका होता है। यहां हम 2025 में भारत के प्रमुख त्योहारों को मनाने के लिए सबसे अच्छे स्थानों की जानकारी दे रहे हैं। (PTI Photo)
-
जनवरी: महाकुंभ मेला
2025 में प्रयागराज में महाकुंभ मेला का आयोजन किया जा रहा है। यह हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर पवित्र स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। हालांकि, इस बार का महाकुंभ 144 साल में बनने वाले एक दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है। 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ मेला शुरू हो चुका है। वहीं, 26 फरवरी, महाशिवरात्रि के दिन, महाकुंभ का समापन होगा। (PTI Photo) -
फरवरी: महाशिवरात्रि
फरवरी में महाशिवरात्रि के अवसर पर भारत के विभिन्न ज्योतिर्लिंग मंदिरों में श्रद्धालु भारी संख्या में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ मंदिर (गुजरात), मल्लिकार्जुन मंदिर (श्रीशैलम), महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन), ओंकारेश्वर मंदिर (खंडवा), बैद्यनाथ धाम (देवघर), भीमाशंकर मंदिर (पुणे), रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम), नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (द्वारका), काशी विश्वनाथ (वाराणसी), त्र्यंबकेश्वर मंदिर (नासिक), केदारनाथ मंदिर (रुद्रप्रयाग) और घृष्णेश्वर मंदिर (औरंगाबाद) शामिल हैं। इन पवित्र स्थलों पर शिवभक्तों का भारी हुजूम उमड़ता है। (PTI Photo) -
मार्च: होली
मार्च में रंगों का त्योहार होली ब्रजधाम (मथुरा और वृंदावन) में मनाना एक अद्भुत अनुभव है। यहां की लठमार होली, फूलों की होली और बरसाने की होली देशभर में प्रसिद्ध है। कृष्ण जन्मभूमि मथुरा में होली का उत्सव पूरी भव्यता के साथ मनाया जाता है। (Photo Source: Pexels) -
अप्रैल: राम नवमी
अप्रैल में राम नवमी का पर्व भगवान श्रीराम के जन्मदिन के रूप में अयोध्या में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। अयोध्या के राम मंदिर और सरयू घाट पर इस दिन भक्तों की भीड़ उमड़ती है। भव्य झांकियां और पूजा-पाठ का आयोजन इस पर्व को खास बनाता है। (PTI Photo) -
मई: थिरुकल्यानम
मई में मदुरै का मीनाक्षी मंदिर भगवान शिव और देवी मीनाक्षी के विवाह उत्सव, जिसे थिरुकल्यानम कहते हैं, का आयोजन करता है। यह तमिलनाडु का एक प्रमुख सांस्कृतिक उत्सव है, जो भक्ति और परंपरा का संगम है। (Photo Source: Pexels) -
जून: पुरी रथ यात्रा
पुरी में जून में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा हर साल आयोजित होती है। यह यात्रा भारत के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में से एक मानी जाती है। रथों में सवार भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं। (Photo Source: Pexels) -
जुलाई: अमरनाथ यात्रा
जुलाई में जम्मू और कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा की यात्रा होती है, जो भगवान शिव की पवित्र गुफा में स्थित है। यहां के बर्फ के शिवलिंग को देखना एक अद्भुत अनुभव होता है। यह यात्रा न केवल भक्ति का अनुभव है, बल्कि कश्मीर के पहाड़ी दृश्य भी मन को मोह लेते हैं। (Photo Source: Pexels) -
अगस्त: जन्माष्टमी
अगस्त में जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में वृंदावन और मथुरा में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। वृंदावन में कृष्ण जी के भक्त मंदिरों में भव्य पूजा करते हैं और रातभर भजन-कीर्तन, भव्य झांकियां, नृत्य और कृष्ण लीला का आयोजन होता है। (Photo Source: Pexels) -
सितंबर: गणेश उत्सव
सितंबर में गणेश उत्सव महाराष्ट्र में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। मुंबई और पुणे में भगवान गणेश की विशाल मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। यहां सिद्धिविनायक मंदिर और विभिन्न पंडालों की भव्यता देखने लायक होती है। (Photo Source: Pexels) -
अक्टूबर: दुर्गा पूजा
अक्टूबर में दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल में सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। कोलकाता और बंगाल के अन्य शहरों में भव्य पंडाल सजाए जाते हैं, जहां मां दुर्गा की पूजा और भव्य झांकियां देखने के लिए लाखों लोग आते हैं। इस दौरान बंगाली व्यंजन और पारंपरिक नृत्य-गीत का भी आनंद लिया जा सकता है। (Photo Source: Pexels) -
नवंबर: गुरु नानक जयंती
नवंबर में गुरु नानक जयंती का उत्सव अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भव्यता से मनाया जाता है। इस दिन गुरुद्वारे को रोशनी से सजाया जाता है, श्रद्धालु कीर्तन और पूजा में भाग लेते हैं और लंगर में हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। (Photo Source: Pexels) -
दिसंबर: रण उत्सव
दिसंबर में कच्छ के रण में आयोजित रण उत्सव में आप सफेद रेगिस्तान की प्राकृतिक सुंदरता और गुजरात की संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं। यहां ऊंट की सवारी, लोक संगीत, हस्तशिल्प और पारंपरिक नृत्य आकर्षण का केंद्र होते हैं। यह आयोजन भारतीय संस्कृति का आदान-प्रदान और पर्यटन के लिए एक शानदार स्थल है। (Photo Source: Rann Utsav)
(यह भी पढ़ें: महाकुंभ का पहला स्नान, कड़ाके की ठंड में देश-विदेश से पहुंचे भक्त, घाटों पर दिखी जबरदस्त रौनक, देखें तस्वीरें)
