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भारत विविधताओं की भूमि है — यहां की हर भाषा, संस्कृति और खानपान में एक अलग पहचान झलकती है। लेकिन जब बात मिठाइयों की आती है, तो एक शहर सबसे आगे निकल आता है — कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता को न सिर्फ “City of Joy” कहा जाता है, बल्कि यह ‘मिठाइयों का शहर’ के नाम से भी मशहूर है। यहां की गलियों में फैली मिठाइयों की खुशबू और दुकानों में लगी भीड़ इस बात का सबूत हैं कि कोलकाता में मिठाइयां सिर्फ खाने की चीज नहीं, बल्कि संस्कृति का हिस्सा हैं। (Photo Source: Pexels)
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कोलकाता
कोलकाता का नाम सुनते ही सबसे पहले याद आते हैं रसभरे रसगुले, मुलायम संदेश, और मिष्टी दोई। यहां हर मिठाई एक कहानी कहती है — स्वाद, परंपरा और भावनाओं की। यह शहर न सिर्फ मिठाइयों का स्वादिष्ट केंद्र है, बल्कि यह बंगाल की पाककला की आत्मा भी है। (Photo Source: Unsplash) -
रसगुल्ला
अगर कोलकाता की सबसे पहचानने योग्य मिठाई की बात करें, तो रसगुल्ला (Rasgulla) का नाम सबसे ऊपर आता है। 19वीं सदी में प्रसिद्ध मिठाईकार नोबिन चंद्र दास ने इस मिठाई को बनाया था। दूध से बने नरम गोले जब चाशनी में डूबे होते हैं, तो उनका स्वाद हर किसी के दिल में उतर जाता है। रसगुल्ला सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि बंगाल की पहचान बन चुका है। (Photo Source: Unsplash) -
संदेश
संदेश (Sandesh) बंगाल की एक और लोकप्रिय मिठाई है, जिसे ताजा छेना (कॉटेज चीज) से बनाया जाता है। यह हल्की, कोमल और बेहद स्वादिष्ट होती है। इसे अक्सर सुंदर आकृतियों में ढाला जाता है और त्योहारों, शादी-ब्याह या किसी खास मौके पर परोसा जाता है। (Photo Source: Unsplash) -
मिष्टी दोई
मिष्टी दोई (Mishti Doi) यानी मीठा दही, कोलकाता की एक ऐसी मिठाई है जो हर मिठाई की दुकान में आसानी से मिल जाती है। इसे परंपरागत रूप से मिट्टी के मटके में जमाया जाता है, जिससे इसमें हल्की-सी मिट्टी की खुशबू और प्राकृतिक ठंडक आती है। इसका मीठा, मुलायम स्वाद हर भोजन का परफेक्ट अंत माना जाता है। (Photo Source: Unsplash) -
कोलकाता की अन्य लोकप्रिय मिठाइयां
लेडिकेनी (Ledikeni): यह दरअसल गुलाब जामुन जैसी मिठाई है, जिसे खास मौकों पर बनाया जाता है। (Photo Source: Unsplash) -
रसमलाई (RasMalai): केसर के दूध में डूबी हुई नरम छेना की मिठाई, जो मुंह में जाते ही घुल जाती है। (Photo Source: Pexels)
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छेनार जिलिपी (Chanar Jilipi): यह जलेबी का बंगाली रूप है, जिसे छेना, खोया और मैदे से बनाया जाता है। इसकी मांग कोलकाता की हर गली में रहती है। (Photo Source: Unsplash)
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मिठाइयों से सजा त्योहारों का शहर
कोलकाता में कोई भी त्यौहार मिठाइयों के बिना अधूरा है — चाहे दुर्गा पूजा हो, शादी हो या किसी मित्र के घर की मुलाकात, हर मौके पर मिठाई बांटना यहां की परंपरा है। यहां के लोग मानते हैं कि मिठाई सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि खुशी, प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। (Photo Source: Pexels)
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