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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का आक्रोश इस वक्त पूरे देश में है। आतंकियों ने बैसरन घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाया और 26 मासूमों की जान ले ली। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB)
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जम्मू कश्मीर की ये घाटी प्राकृतिक सुंदरताओं से भरी हुई है जिसके चलते इस मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। यहां की सुंदरता ऐसी है कि हर किसी का मन मोह लेगी। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB)
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पहलगाम में वैसे तो घूमने के लिए कई जगहें हैं लेकिन ये कम ही लोगों को जानकारी होगी कि इसका नाम कैसे पड़ा। इसके साथ ही आइए जानते हैं पहलगाम का पुराना नाम और भगवान शिव के क्या नाता है। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB)
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पहलगाम दो शब्दों को जोड़ कर बना है। पुहेल (Puheyl) जिसका हिंदी में अर्थ होता है चरवाहा और आगे चलकर ‘गाम’ शब्द इसमें जुड़ गया जिसका मतलब है गांव। इसके बाद से ये पहलगाम नाम से जाना जाने गया। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB)
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पहलगाम को ‘चरवाहों की घाटी’ भी कहा जाता है। दरअसल, यहां पर कई घास के मैदान हैं जहां पर यहां के स्थानीय चरवाहे अपने मवेशियों के चारे के लिए जाते हैं। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB)
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पहलगाम में खासकर बकरवाल समुदाय के लोग अधिक रहते हैं जो वसंत ऋतु से लेकर सर्दियों से पहले अपने मवेशियों को चराने के लिए यहां रहते हैं। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB)
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भगवान शिव से कैसे जुड़ा है नाता
पगलमान का नाता भगवान शिव से भी जुड़ा है। हिंदू परंपराओं के अनुसार इसका पुराना नाम बैल गांव हुआ करता था। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB) -
हिंदू परंपराओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा में प्रवेश करने से पहले भगवान शिव ने अपने बैल (नंदी) को यहीं छोड़ा था जिसके चलते इस गांव को पहले बैल गांव के नाम से जाना जाता था। पहलगाम, अमरनाथ यात्रा का पहला पड़ाव है। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB)
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से उनके अमरत्व का कारण जानना चाहा। इसके बाद भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया कि उन्हें अमर कथा सुननी पड़ेगी। इसके लिए उन्होंने ऐसे स्थान का चयन किया जहां कोई अमर कथा को न सुन सके। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB)
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माता पार्वती को भगवान शिव अमर कथा सुनाने के लिए अमरनाथ गुफा की खोज की। यहीं पर जानें से पहले उन्होंने सबसे पहले पहलगाम में अपने बैल नंदी का परित्याग किया। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB)
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इसके बाद अपनी जटाओं से चंद्रमा, गले से सर्प, पुत्र और भगवान गणेश को महागुनस पर्वत पर छोड़ा। साथ ही उन्होंने पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश) भी त्याग किया था। (Photo: Jammu & Kashmir Tourism/FB) कश्मीर की जिस घाटी में हुआ हमला उसे कहते हैं ‘मिनी स्विट्जरलैंड’, जानिए क्यों पहलगाम है पर्यटकों की पहली पसंद