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भारत सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक जीवित सभ्यता है, जहां आस्था, कला और विज्ञान सदियों से एक-दूसरे में रचे-बसे हैं। यहां बने प्राचीन मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि पत्थरों में उकेरी गई इतिहास की जीवित किताबें हैं। हजार साल से भी ज्यादा समय से खड़े ये मंदिर आज भी अपनी भव्यता, रहस्यों और आध्यात्मिक ऊर्जा से दुनिया को चकित करते हैं। आइए जानते हैं भारत के उन 10 प्राचीन मंदिरों के बारे में, जो समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। (Photo Source: Pexels)
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काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
गंगा के तट पर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। माना जाता है कि यहां सदियों से निरंतर पूजा होती आ रही है। वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ, लेकिन इसकी आध्यात्मिक विरासत हजारों वर्षों पुरानी है। काशी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है। (Photo Source: Pexels) -
सूर्य मंदिर, कोणार्क (ओडिशा)
13वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है। रथ के आकार में बने इस मंदिर में 24 विशाल पत्थर के पहिए हैं, जिन्हें समय बताने वाला माना जाता है। यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल यह मंदिर प्राचीन भारत की वैज्ञानिक समझ का अद्भुत उदाहरण है। (Photo Source: Pexels) -
जगन्नाथ मंदिर, पुरी
12वीं शताब्दी का यह मंदिर भगवान जगन्नाथ को समर्पित है। विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा और मंदिर पर लहराने वाला ध्वज, जो हवा की दिशा के विपरीत चलता है, आज भी रहस्य बना हुआ है। (Photo Source: Pexels) -
दिलवाड़ा जैन मंदिर, माउंट आबू
11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच बने ये जैन मंदिर सफेद संगमरमर की बारीक नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं। इतनी महीन कारीगरी कि पत्थर हाथीदांत जैसा प्रतीत होता है। (Photo Source: Pexels) -
लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
करीब 11वीं शताब्दी में बना यह मंदिर शैव और वैष्णव परंपराओं का संगम है। कलिंग स्थापत्य शैली का यह उत्कृष्ट उदाहरण ओडिशा की सांस्कृतिक पहचान है। (Photo Source: Pexels) -
बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर (तमिलनाडु)
चोल राजा राजराजा प्रथम द्वारा 1010 ईस्वी में निर्मित यह मंदिर अपनी विशाल विमाना के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इसकी चोटी की छाया कभी जमीन पर नहीं पड़ती। (Photo Source: Pexels) -
कैलाश मंदिर, एलोरा
8वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर एक ही चट्टान को ऊपर से नीचे काटकर बनाया गया है। यह न सिर्फ धार्मिक स्थल है, बल्कि मानव श्रम और इंजीनियरिंग का चमत्कार भी है। (Photo Source: Pexels) -
विरुपाक्ष मंदिर, हम्पी
7वीं शताब्दी से निरंतर पूजा का केंद्र रहा यह मंदिर आज भी जीवित परंपरा का उदाहरण है। विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी का यह प्रमुख धार्मिक स्थल रहा है। (Photo Source: Pexels) -
शोर टेंपल, महाबलीपुरम
बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित यह 8वीं शताब्दी का मंदिर समुद्र से टकराती लहरों के बीच अडिग खड़ा है। पल्लव स्थापत्य शैली का यह अनमोल रत्न यूनेस्को धरोहर है। (Photo Source: Pexels) -
मीनाक्षी अम्मन मंदिर, मदुरै
देवी मीनाक्षी को समर्पित यह मंदिर रंगीन गोपुरमों और भव्य मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि वर्तमान संरचना का विस्तार 16–17वीं शताब्दी में हुआ, लेकिन इसकी पूजा परंपरा अत्यंत प्राचीन मानी जाती है। यह मंदिर स्त्री शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। (Photo Source: Pexels)
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