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दिल्ली में इन दिनों छह गज का एक मकान चर्चा में है। दावा है कि यह राजधानी का सबसे छोटा मकान है। चाय के खोखे या फिर लग्जरी कार के बराबर की जगह में यह तीन मंजिला इमारत बनी है। घर में मौजूदा समय में चार लोगों का परिवार रहता है, जो इसके लिए प्रतिमाह 3500 रुपए भाड़ा देता है। हालांकि, बिजली बिल अलग से आता है, पर फैमिली का कहना है कि घर में कभी भी बिजली-पानी की दिक्कत नहीं आती है। नीले रंग की इमारत बाहर से जितनी खूबसूरत है, उतने ही अच्छे ढंग से घर की गृहस्थी और बाकी चीजों को वहां रहने वालों ने सेट किया है। कुछ हद तक तिकोने आकार में बना यह आशियाना गली के बिल्कुल कोने पर है और पूरी इमारत में तीन वॉशरूम हैं। (सभी तस्वीरेंः जनसत्ता/अभिषेक गुप्ता)
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6 का यह घर उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित झाड़ौदा गांव में हनुमान कुंज इलाके की गली संख्या 60 से 65 के बीच है। बाहर से मकान का कटाव देखकर कोई भी हैरान हो जाएगा। पता ही नहीं लगता कि यह कहां से शुरू हुआ और कहां खत्म हुआ।
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घर में ग्राउंड फ्लोर पर वॉशरूम से सटी सीढ़ियां हैं, जो पहले माले पर लेकर जाती हैं। मूलरूप से यूपी के लखनऊ निवासी संजय सिंह के परिवार ने फर्स्ट फ्लोर पर बेडरूम बना रखा है। टीवी-टेबल के साथ इसमें एक तिकोने आकार का बाथरूम भी है।
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सिंह परिवार ने ऊपर दूसरे तल पर किचन/मल्टीपरपज रूम बना रखा है। साथ में पूजा-घर भी है और बाकी की खाली जगह लेटने-बैठने और बाकी कामों के लिए है।
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वहीं, तीसरे तल पर छत के साथ वॉशरूम है। कपड़े फैलाने की भी उचित जगह है। मकान में कुल पांच खिड़कियां हैं, जो कि ताजा हवा और रोशनी के लिए आने-जाने का जरिया हैं।
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गुरुग्राम की निजी कंपनी में कार्यरत संजय सिंह ने जनसत्ता को बताया, "हमें यह मकान छोटा नहीं लगता है। हमने जब इसे किराए पर लिया था, तब हमें पता था कि यह छह गज का है। पूरे इलाके में यह इकलौता सबसे छोटा मकान है। पास में 12 गज का भी एक घर है।"
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यह पूछे जाने पर कि कार्यक्रम और अधिक लोगों के आने पर कैसे चीजों का प्रबंधन करते हैं? सिंह ने आगे बताया, "सर, सब इसी स्पेस में मैनेज करते हैं (मुस्कुराते हुए)।" मकान भले ही छोटा हो, पर उनका इसे छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने साफ किया- अगर कोई बड़ी मजबूरी बनी तब हो सकता है कि घर छोड़ना पड़े, अन्यथा इसे नहीं छोड़ेंगे।
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सूत्रों की मानें तो कुछ रोज पहले वहां बिजलीकर्मियों ने इस मकान को मापा भी था, जिसमें पता लगा था कि यह छह गज का ही है। आस-पास रहने वाले भी इसे देख या इसकी चर्चा पर तारीफ से नहीं थकते।
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घर का बेडरूम। सिंह के पड़ोसियों का कहना है कि उनका इलाका इस मकान की वजह से मशहूर हो रहा है।
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घर का बाथरूम। (सभी फोटोः जनसत्ता/अभिषेक गुप्ता)