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शादी केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं होती, बल्कि यह दो परिवारों और संस्कृतियों का भी संगम है। हर शादी में कुछ रस्में ऐसी होती हैं जो सदियों से चली आ रही हैं और जिनका धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। ऐसी ही एक रस्म है दूल्हे के सिर पर सेहरा बांधना। (Photo Source: Pexels)
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सेहरा क्या है?
सेहरा, जिसे आम बोलचाल में मुकुट, किरीट या विवाह मुकुट भी कहा जाता है, दूल्हे के सिर पर बांधा जाता है। यह आमतौर पर फूलों, मोतियों, चमकीले धागों या कभी-कभी सोने-चांदी की कलाकारी से तैयार किया जाता है। आधुनिक समय में डिजाइनर सेहरे में हीरे, कुंदन और अन्य कीमती पत्थरों का उपयोग भी होने लगा है। (Photo Source: Pexels) -
सेहरा पहनाने का धार्मिक और सामाजिक महत्व
दूल्हे के चेहरे को सेहरे से ढकने के पीछे एक प्रमुख मान्यता है- बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा। भारत में माना जाता है कि विवाह जैसे शुभ अवसर पर दूल्हे को नजर लगने का खतरा अधिक होता है। (Photo Source: Pexels) -
सेहरा इस स्थिति में आध्यात्मिक कवच का काम करता है, जो दूल्हे के चेहरे को आंशिक रूप से ढककर उसकी सुरक्षा करता है। पुराने ग्रंथों और शास्त्रों में भी विवाह के समय सिर पर मुकुट रखने का उल्लेख मिलता है। (Photo Source: Pexels)
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‘जटा मुकुट अहि मौरु संवारा’ का वर्णन भगवान शिव के समय से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने विवाह के समय अपने सिर पर सांपों से बना मुकुट पहना था। इसी परंपरा को आज दूल्हे के सिर पर सेहरा पहनाने में देखा जा सकता है। (Photo Source: Pexels)
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सेहरा और शाही लुक
सेहरा केवल सुरक्षा का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह दूल्हे को शाही और आकर्षक लुक भी देता है। जैसे पहले राजा-महाराजाओं के सिर पर मुकुट होते थे, वैसे ही बारात में दूल्हा सेहरा पहनकर भीड़ में अलग और खास नजर आता है। (Photo Source: Pexels) -
सेहरा पहनाने की रस्म
सेहरा पहनाने की रस्म अक्सर परिवार के बड़े या बहनोई द्वारा निभाई जाती है। यह न केवल दूल्हे की सजावट है बल्कि आशीर्वाद और शुभकामनाओं का प्रतीक भी है। झारखंड और बिहार जैसे राज्यों में यह रस्म मजाकिया अंदाज में भी होती है, लेकिन इसका धार्मिक और पारंपरिक महत्व हमेशा बना रहता है। (Photo Source: Pexels) -
मुस्लिम और सिख विवाह में सेहरा
सेहरा केवल हिंदू विवाह तक ही सीमित नहीं है। मुस्लिम और सिख धर्म में भी बारात के दौरान दूल्हे के सिर पर सेहरा बांधा जाता है। हालांकि इसके डिज़ाइन और शैली में थोड़े अंतर होते हैं, लेकिन उद्देश्य हमेशा शुभता और सुरक्षा का ही होता है। (Photo Source: Pexels)
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