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आमतौर पर गांव को गरीबी और कम संसाधनों से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन भारत के गुजरात राज्य के कच्छ जिले में स्थित ‘माधापार गांव’ इस धारणा को गलत साबित करता है। यह गावं एशिया के सबसे अमीर गांवों में शुमार है। (Photo Source: @creatorsofkutch/instagram)
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गांव की संपन्नता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इसके निवासियों ने स्थानीय बैंकों में लगभग 7000 करोड़ रुपए जमा कर रखे हैं। माधापार गांव की आर्थिक संपन्नता का बड़ा कारण गांव से जुड़े एनआरआई (प्रवासी भारतीय) हैं। (Photo Source: @creatorsofkutch/instagram)
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ये परिवार, खासकर अफ्रीकी देशों में रहने वाले गुजराती समुदाय के लोग, हर साल करोड़ों रुपए गांव के बैंकों और डाकघरों में जमा करते हैं। इसके अलावा, गांव के कई निवासी यूके, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी रहते हैं। (Photo Source: @creatorsofkutch/instagram)
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हालांकि ये लोग विदेशों में स्थायी तौर पर बस गए हैं, लेकिन अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं और अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा गांव में निवेश करते हैं। माधापार की समृद्धि के चलते यहां कई बैंकों की शाखाएं खुली हुई हैं। (Photo Source: @creatorsofkutch/instagram)
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गांव में 17 बैंकों की शाखाएं हैं, जिनमें प्रमुख सरकारी और निजी बैंक जैसे HDFC बैंक, SBI, PNB, Axis बैंक, ICICI बैंक, और यूनियन बैंक शामिल हैं। इतनी सारी बैंक शाखाएं किसी गांव के लिए बेहद असामान्य हैं, लेकिन अन्य बैंकों की भी यहां शाखाएं खोलने में रुचि है। (Photo Source: @creatorsofkutch/instagram)
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माधापार गांव में पानी, स्वच्छता, सड़क, बंगलों, स्कूलों, झीलों, और मंदिरों जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस गांव में लगभग 20,000 मकान हैं, जिनमें से करीब 1,200 परिवार विदेशों में रहते हैं। विदेशों से आने वाले फंड्स की कंटीन्यूटी के कारण गांव की अर्थव्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ है। (Photo Source: @creatorsofkutch/instagram)
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गुजरात व्यापार और उद्योग में अग्रणी राज्य है, लेकिन इसकी समृद्धि केवल शहरी इलाकों तक ही सीमित नहीं है। इसका एक उदाहरण खुद ‘माधापार गांव’ है। यह गांव न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि बुनियादी ढांचे के मामले में भी बहुत विकसित है। माधापार के लोग भले ही विदेश में रहते हों, लेकिन वे अपने गांव से जुड़े रहते हैं और अपनी आर्थिक मदद जारी रखते हैं। (Photo Source: @creatorsofkutch/instagram)
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