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केरल के वायनाड में 29-30 जुलाई की रात भारी बारिश के बाद हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 340 के पार पहुंच गई है। अभी भी 300 से ज्यादा लोग लापता है, सर्च अभियान जारी है। (PTI Photo)
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राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। अब भी कई लोगों के मलबे में फंसे होने की खबर है। हालांकि मिट्टी और कीचड़ में दबे लोगों को तलाशना इतना आसान नहीं है। (PTI Photo)
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सेना, NDRF और SDRF की टीम के अलावा केरल पुलिस भी लापता लोगों की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं, केरल पुलिस के K9 स्क्वॉड के दो खोजी कुत्तों मर्फी और माया की भी इस काम में मदद ली जा रही है। (PTI Photo)
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घटनास्थल से प्राप्त किए गए कई शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। इनमें से कई सारे शवों की पहचान हो चुकी है। वहीं, 134 लोगों के शरीर के सिर्फ टुकड़े बरामद हुए हैं। (PTI Photo)
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बता दें, वायनाड में रेस्क्यू ऑपरेशन का आज पांचवां दिन है। मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों के मलबे में तलाशी का काम सुबह से चल रहा है। कई जगहों पर मलबे में 20 से 30 फीट नीचे शवों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। (PTI Photo)
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सेना ने ऐसे इलाकों को सैनिटाइज करने के लिए डीप सर्च रडार मंगाए हैं। यह रडार जमीन के अंदर 80 मीटर की गहराई तक फंसे इंसानों का पता लगाता है। सेना इस रडार का इस्तेमाल बर्फीले इलाकों, खासकर सियाचिन ग्लेशियर, पहाड़ी चोटियों और एवलांच के दौरान करती है। (PTI Photo)
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हालांकि, घटना के इतने दिन बाद भी कई लोग जिंदा भी मिल रहे हैं। मुंडक्कई क्षेत्र में एक ही परिवार के चार लोगों को पदवेट्टी कुन्नू के पास एक इलाके में सुरक्षित पाया। (PTI Photo)
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वहीं, चूरलमाला के एराट्टुकुंडु ऊरु (बस्ती) के पास से 4 बच्चों समेत 6 लोगों का रेस्क्यू किया गया। पनिया समुदाय का यह आदिवासी परिवार पहाड़ी की चोटी पर एक गुफा में फंसा था। (PTI Photo)
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