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जिस पल का इंतजार ना सिर्फ सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के परिवार वालों को था बल्कि पूरा देश सांसे थाम जिस लम्हे का इंतजार कर रहा था आखिरकार वह खत्म हुईं। 11 नवंबर से उत्तरकाशी के सिलक्यारा के निर्माणाधीन सुरंग के धंसने से फंसे 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है।
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पिछले 17 दिनों से मजदूरों को सकुशल निकालने की तैयारी चल रही थी।
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राहत बचाव में लगे टनल एक्सपर्ट्स, इंजीनियर्स और बचावदल ने हर मुमकिन कोशिश को अंजाम दिया।
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तमाम तकनीकी बारीकियों को समझते हुए हर एक कदम को उठाया जा रहा था। कभी बड़ी-बड़ी मशीनें घटनास्थल पर नजर आईं तो कभी दुआ में उठे सुरक्षाकर्मियों और आम लोगों के हाथ।
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हालांकि सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए जहां देश-विदेश की बड़ी बड़ी मशीनें बेअसर नजर आईं वहीं रैट माइनर्स ने अपना कमाल दिखाया।
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मजदूरों को सकुशल निकालने में विज्ञान और भगवान दोनों साथ नजर आए। सुरंग के मुहाने पर मौजूदा बाबा बौखनाग देवता के मंदिर के पास टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स भगवान से मजदूरों की सकुशल वापसी की प्रार्थना करते नजर आए थे।
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बता दें कि बाबा बौखनाग भोले शंकर के एक रूप हैं। पहाड़ों के लोगों के बीच बाबा बौखनाग की बड़ी मान्यता है।
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सोशल मीडिया में भी लोग इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि विज्ञान और भगवान साथ मिलकर काम ना करते तो पता नहीं इन 41 मजदूरों का क्या होता।
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देशभर में कई जगह पर इस रेस्क्यू मिशन के सफल होने के लिए यज्ञ, हवन और पूजा पाठ किये गए थे।
