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बांग्लादेश इस वक्त हिंसा की आग में सुलग रहा है। इस वक्त आरक्षण को लेकर हजारों लोग देश की सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और भारत आ गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शेख हसीना का विमान हिंडन एयर बेस पर लैंड किया है। (Indian Express)
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इस बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कहा है कि, इस्लामिक देशों में कोई भी सेफ नहीं है और शेख हसीना ने भी भारत को सुरक्षित माना। कंगना रनौत ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि राम राज्य में रहते हैं। (Indian Express)
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कंगना रनौत ने ट्वीट करते हुए एक्स पर लिखा है कि, भारत पड़ोसी इस्लामिक देशों की वास्तविक जन्मभूमि है। इसके आगे एक्ट्रेस ने लिखा कि हम इस बात से सम्मानित और खुश हैं कि बांग्लादेश की माननीय प्रधानमंत्री भारत में सुरक्षित महसूस करती हैं। लेकिन वे सभी जो भारत में रहते हैं और पूछते रहते हैं कि हिंदू राष्ट्र क्यों? राम राज्य क्यों? खैर यह साफ हो गया है कि क्यों!!! (REUTERS)
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इसके आगे कंगना रनौत ने लिखा है कि, मुस्लिम देशों में कोई भी सुरक्षित नहीं है, खुद मुसलमान भी नहीं। चाहे अफगानिस्तान हो, पाकिस्तान बांग्लादेश या फिर ब्रिटेन यहां जो कुछ भी हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम भाग्यशाली हैं कि मह राम राज्य में रह रहे हैं। जय श्री राम। (REUTERS)
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क्यों हो रहा बवाल
बांग्लादेश में प्रदर्शन और हिंसा की मुख्य वजह सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर है। सरकारी नौकरी में 1971 में हुई आज़ादी की लड़ाई में शामिल लोगों के वंशजों को मिल रहे आरक्षण खत्म करने के लिए प्रदर्शन हो रहा है। (AP) -
बांग्लादेश की जनसंख्या करीब 170 मिलियन है और देश में लगभग 32 मिलियन युवा बेरोजगार हैं। छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए इस कोटा को समाप्त करने की मांग की है और इसी के खिलाफ व्यापक विरोध हो रहा है। (AP)
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बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा ले चुके लोगों के वंशजों को 30 फीसदी आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है और 10 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षण रखा गया है। (AP)
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वहीं, जिला कोटा के तहत पिछड़े जिलों में रहने वालों के लिए 10 फीसदी का रिजर्वेशन मिलता है। धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों को 5 फीसदी और विकलांगों को एक फीसदी रिजर्वेशन मिलने का प्रावधान है। (AP)
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बता दें कि, 14 जुलाई को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बयान में कहा कि, यदि स्वतंत्रता सेनानियों के पोते-पोतियों को कोटा का लाभ नहीं मिलेगा तो किसे मिलेगा। राजकारों के पोते-पोतियों को। उनके इस बयान के बाद प्रदर्शनकारी छात्रों ने ‘तुई के, अमी के रजाकार, रजाकार’ के नारे लगाने शुरू कर दिए और हिंसा और भी ज्यादा भड़क गई। (Indian Express)
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रजाकार बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा गठित एक क्रूर अर्धसैनिक बल था। 1971 में पाकिस्तान ने तीन मुख्य मिलिशिया बनाए थे ‘रजाकार, अल-बद्र और अल-शम्स’। इन तीनों मिलिशिया समूहों ने बांग्लादेश में नरसंहार किए और बलात्कार, प्रताड़ना, हत्या जैसी जघन्य अपराध किए। (PTI)
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रजाकारों ने मुक्ति संग्रामियों और बांग्लादेश के लोगों के खिलाफ अत्याचार किया था। आज भी ये शब्द बांग्लादेश में एक अपमानजनक शब्द है और इसका इस्तेमाल देशद्रोहियों और अत्याचारियों के लिए किया जाता है। ‘रजाकार’ का अर्थ होता है स्वयंसेवक या सहायक। पाकिस्तानी सेना के लिए राजकारों ने जासूसी का काम किया था। (AP)
