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पिछले साल केन्द्र सरकार ने रेल बजट को आम बजट में ही समाहित करने का फैसला किया। ऐसा कर नरेंद्र मोदी सरकार ने 92 साल पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया था। सुरेश प्रभु आखिरी रेलमंत्री रहे जिनके पास देश का आखिरी रेल बजट पेश करने का गाैरव रहेगा। भारतीय रेलवे सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा उपक्रम है। रेलवे 16 लाख से भी ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करता है। आइए, आपको बताते हैं रेल बजट से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य, जिन्हें जानकर आप चौंक जाएंगे।
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आम बजट से अलग, रेलवे बजट को 10 सदस्यीय अक्वर्थ कमेटी की सिफारिशों के आधार पर पहली बार 1924 में पेश किया गया था। ब्रिटिश रेलवे अर्थशास्त्री विलियम मिशेल अक्वर्थ की अध्यक्षता में बनी समिति ने अपनी रिपोर्ट 1921 में सौंपी। ब्रिटिश सरकार ने रेलवे की वित्तीय हालत को सुधारने के लिए सुझाव देने के लिए यह कमेटी नियुक्त की थी। (Source: PTI)
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लोक सभा में हर साल रेल मंत्री इसे एक वित्त बिल के तौर पर पेश करते आए हैं। रेल बजट पेश होने का सीधा प्रसारण पहली बार 24 मार्च 1994 को किया गया। तब पीवी नरसिम्हा राव सरकार में रेलमंत्री जाफर शरीफ ने रेल बजट पेश किया था। (Source: Indian Railways)
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भारत के संविधान में रेलवे बजट का कोई उल्लेख नहीं है। इसके बावजूद इसे लोकसभा में अनुच्छेद 112 और 204 के तहत पेश और पास किया जाता है, ये दोनों अनुच्छेद आम बजट से जुड़े हैं। (Source: Indian Railways)
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बाबू जगजीवन राम पर लगातार सात बार रेल बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। उनके अलावा लालू प्रसाद यादव ने छह बार बजट पेश किया है। (Source: India.Gov)
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2000 में, ममता बनर्जी रेल बजट पेश करने वाली पहली महिला रेलमंत्री बनीं। उनके नाम पर दो अलग-अलग सरकारों- राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA और यूपीए के लिए रेल बजट पेश करने का अनूठा रिकॉर्ड है। (Source: Mamta Banerjee/Facebook)