-
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर यूपी की राजधानी लखनऊ में रैली का आयोजन किया। (Express photo by Vishal Srivastav) Raksha Bandhan 2023: मायावती से वीपी सिंह तक, 7 बार लॉ ग्रेजुएट बने यूपी के सीएम, जानिए किन-किन के नाम हैं शामिल
-
बसपा की इस रैली में समर्थकों की भीड़ उमड़ी नजर आई। सड़कों पर हर तरफ नीले झंडे, पोस्टर और बैनर नजर आ रहे हैं। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
कांशीराम स्मारक स्थल पर मायावती ने एक घंटे से ज्यादा समय तक भाषण दिया। इस दौरान जिला वार और विधानसभावार कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां भी सौंपी गई। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
बसपा की यह रैली लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर स्थल पर आयोजित की गई जिसमें जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है। इस रैली में पांच लाख से अधिक लोगों के जुटने का दावा किया जा रहा है। रैली की कुछ तस्वीरें सामने आई है जिसमें देख सकते हैं कि कैसे उनके समर्थकों की भीड़ नजर आ रही है। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
मंच पर मायावती के साथ उनके भाई आनंद कुमार, भतीजे आकाश आनंद और वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र सहित पार्टी के कई प्रमुख नेता नजर आए। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
बसपा प्रमुख मायावती का पोस्टर लिए समर्थकों के बीच जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इस दौरान मायावती ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला भी बोला। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा: (Express photo by Vishal Srivastav)
-
लखनऊ के बीएसपी समर्थक अजय कीर्ति वर्मा और रमेश कुमार के नाम का एक पोस्टर भी लगा नजर आया जिसपर ‘आई लव मोहम्मद’ और ‘आई लव बीएसपी’ लिखा हुआ है। इस पोस्टर को ईको गार्डन के पास देखा गया है। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
इस दौरान मायावती ने कहा कि वह 2027 के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। उन्होंने 1993 और 1996 के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि जब-जब बसपा ने दूसरे दलों के साथ गठबंधन किया है तब-तब पार्टी की सीटें भी घटी और वोट शेयर भी कम हुआ। (Express photo by Vishal Srivastav) बसपा का लखनऊ में शक्ति प्रदर्शन, इन तीन चुनौतियों से कैसे निपटेंगी मायावती?
-
मायावती ने कहा कि गठबंधन में बसपा का वोट तो दूसरे दलों को ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन सवर्ण समाज का वोट उनकी पार्टी को नहीं मिलता। इसलिए, 2027 के विधानसभा चुनाव में बसपा अकेले ही मैदान में उतरेगी। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
मायावती ने कहा कि देश में कुछ शरारती और स्वार्थी तत्व आम जनहित के मुद्दों को छोड़कर देवी-देवता, खुदा और धर्म को लेकर बवाल पैदा करने की कोशिश करते रहते हैं। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
इसके आगे उन्होंने कहा कि इन धार्मिक मामलों की आड़ में ‘आई लव’ आदि की कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए। ऐसे स्वार्थ से भरी राजनीति देश हित में ठीक नहीं है। सभी को भारतीय संविधान और धार्मिक परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
कांग्रेस पर हमला करते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस वाले संविधान हाथ में रखकर नाटकबाजी करते हैं जबकि संविधान पर असली हमला इमरजेंसी के दौरान ही हुआ था। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि जातिवाद के मामले में सपा सबसे आगे रही है। अब वह राजनीतिक स्वार्थ के लिए पीडीए की हवा हवाई बातें कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
सपा सरकार ने हमेशा आरक्षण के मामले में पक्षपात किया है। पदोन्नति में आरक्षण को तो लगभग खत्म ही कर दिया गया। सपा सरकार ने गुंडों, माफियाओं और अराजक तत्वों को खुला संरक्षण दिया। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
इसके आगे उन्होंने कहा कि बसपा को कमजोर करने की साजिश चल रही है। हम बसपा को हर स्तर पर मजबूत बनाएंगे। सपा ने कांशीराम का अपमान किया है। बसपा ने यूपी में अपने दम पर सरकार बनाई है। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि सपा सरकार ने कांशीराम जी के स्मारक का रखरखाव नहीं किया। टिकट से जो भी पैसे आए उसे दबाकर रख लिए थे। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
मायावती ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कई सवाल भी किए। उन्होंने पूजा कि, सरकार में रहते हैं तो न उन्हें पीडीए याद आता है, न कांशीराम की जयंती और पुण्यतिथि, लेकिन जब वे सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो समाजवादी पार्टी को याद आता है कि हमें संगोष्ठी करनी चाहिए। (Express photo by Vishal Srivastav)
-
मायावती ने कहा कि उनकी सरकार ने कांशीराम के नाम पर अनेकों संस्थानों के नाम रखें, अनेक योजनाएं शुरू की जिसे समाजवादी पार्टी ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया। यह सपा का दोहरा चरित्र नहीं है तो क्या है? (Express photo by Vishal Srivastav)
-
खैर इस रैली को देखकर ऐसा लग रहा है कि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाजवादी पार्टी ने अभी से कमर कस ली है। साल 2022 के चुनाव में बसपा सिर्फ एक सीट जीत सकी थी। वहीं, 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को कुछ खास फायदा नहीं मिलता था। (Express photo by Vishal Srivastav) क्या मायावती ने चंद्र शेखर आजाद को कहा ‘स्वार्थी और बिकाऊ’? कांशीराम की पुण्यतिथि पर दे रही थीं लखनऊ में भाषण
