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सीढ़ियां चढ़ते समय हल्की थकान महसूस होना सामान्य है, लेकिन अगर थोड़ी सी चढ़ाई में ही आपकी सांस फूलने लगे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह फेफड़ों की क्षमता कम होने, अस्थमा, एनीमिया, मोटापा या शरीर में ऑक्सीजन की कमी जैसे कारणों की ओर इशारा कर सकता है। (Photo Source: Pexels)
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ऐसे में रोजाना कुछ खास योगासन करने से सांस फूलने की समस्या में काफी सुधार देखा जा सकता है। आज हम आपको ऐसे आसान और प्रभावी योगासन/प्राणायाम के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें रोजाना करने से आपकी सांसें न सिर्फ नियंत्रित होंगी, बल्कि फेफड़ों की क्षमता भी बेहतर होगी। (Photo Source: Pexels)
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कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati)
कपालभाति को फेफड़ों की सफाई और शरीर में ऑक्सीजन के बेहतर संचार के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है। नियमित अभ्यास से सांस फूलने में राहत मिलती है और फेफड़े मजबूत होते हैं।
कैसे करें?
सुखासन या पद्मासन में सीधा बैठें। पेट को रिलैक्स रखें। नाक से तेजी से सांस बाहर छोड़ें और पेट को अंदर खींचें। सांस अपने आप अंदर जाती है, इसे जबरदस्ती न करें। यह प्रक्रिया 50–100 बार लगातार करें। शुरुआत में 3 राउंड, बाद में 5 राउंड तक करें।
फायदे
फेफड़ों की गहरी सफाई, ऑक्सीजन लेवल में सुधार, सांस फूलने की समस्या में राहत, पाचन में सुधार और तनाव कम। (Photo Source: Pexels) -
अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Alternate Nostril Breathing)
यह बेहद शांत और संतुलित प्राणायाम है जो शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सही करता है और फेफड़ों को मजबूत बनाता है।
कैसे करें?
रीढ़ सीधी रखते हुए आरामदायक मुद्रा में बैठें। दाईं नासिका को दाहिने अंगूठे से बंद करें और बाईं नासिका से गहरी सांस लें। अब बाईं नासिका बंद करके दाईं नासिका से सांस छोड़ें। फिर दाईं नासिका से सांस लें और बाईं से छोड़ें। 5–10 मिनट तक धीरे-धीरे करें।
फायदे
तनाव, चिंता और मानसिक दबाव कम, ब्लड प्रेशर नियंत्रित, फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि, ध्यान और मेमोरी में सुधार। (Photo Source: Pexels) -
नाड़ी शोधन प्राणायाम (Nadi Shodhana)
यह प्राणायाम श्वास तंत्र को शुद्ध करता है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाता है। सांस फूलने की स्थिति में यह बेहद कारगर माना जाता है।
कैसे करें?
किसी शांत स्थान पर बैठें। एक नासिका से सांस लें, दूसरी से छोड़ें , एक नियंत्रित और धीमी गति से। आंखें बंद रखकर 5–7 मिनट तक अभ्यास करें।
फायदे
सांस से जुड़ी समस्याओं में आराम, शरीर में ऊर्जा का संतुलन, फोकस और मानसिक शांति में बढ़ोतरी, हृदय व श्वसन तंत्र की कार्यक्षमता में सुधार। (Photo Source: Pexels) -
भ्रामरी प्राणायाम (Bee Breathing)
यदि सीढ़ियां चढ़ने पर सांस उखड़ती है और घबराहट बढ़ जाती है, तो भ्रामरी बहुत प्रभावी है।
कैसे करें?
गहरी सांस अंदर लें। सांस छोड़ते समय ‘हम्म’ की मधुमक्खी जैसी ध्वनि निकालें। 10–15 बार दोहराएं।
फायदे
तुरंत मानसिक शांति, फेफड़ों पर अच्छा असर, और ऑक्सीजन का संचार बढ़ता है। (Photo Source: Pexels) -
भुजंगासन (Cobra Pose)
यह आसन छाती और फेफड़ों को फैलाता है, जिससे सांस लेने की क्षमता बढ़ती है।
कैसे करें?
पेट के बल लेटकर हथेलियां कंधों के नीचे रखें। धीरे-धीरे सिर और छाती ऊपर उठाएं। 10–15 सेकंड रुकें और वापस आएं। 5–10 बार दोहराएं।
फायदे
छाती खुलती है, फेफड़ों में स्पेस बढ़ता है, सांस और श्वसन तंत्र मजबूत होता है। (Photo Source: Pexels) -
सीढ़ियां चढ़ते वक्त सांस फूलने से बचने के लिए अतिरिक्त टिप्स
रोज 30 मिनट तेज चलना शुरू करें, वजन कंट्रोल में रखें, पानी ज्यादा पिएं, स्मोकिंग बिल्कुल न करें, आयरन और विटामिन D की कमी की जांच कराएं, भोजन हल्का और पौष्टिक रखें। (Photo Source: Pexels)
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