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यूपी की मैनपुरी सीट से मुलामय अपना चुनाव लड़ते रहे हैं। मैनपुरी सपा का गढ़ है। सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव के जीवन का सफर दिलचस्प रहा है। पहलवानी का अखाड़ा छोड़कर जब राजनीति के अखाड़े में मुलायम सिंह यादव आए तो उन्होंने अपने चरखा दांव में कईयों को लपेटा था।
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28 साल की उम्र में मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचे थे। मुलायम तीन बार यूपी के सीएम रह चुके हैं। इसे भी पढ़ें- अखिलेश-मुलायम ही नहीं, इन राज्यों में भी पिता-पुत्र रहे हैं सीएम, पहली बार बेटी ने ली थी अब्बा की जगह
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मुलायम 1967 में अपने राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया की पार्टी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से विधायकी लड़े और जीते थे। ये उनकी पहली पार्टी थी। इसे भी पढ़ें- मुलायम ने राजा भैया के लिए सरकार तक को दे दी थी चुनौती, कहा- विधायक ने किसी को गाली भी दी हो तो बताएं
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1968 राम मनोहर लोहिया का निधन के बाद मुलायम किसान नेता चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल में शामिल हो गए थे। इसे भी पढ़ें- राजा भैया ने किया था ऐलान अखिलेश यादव के साथ हैं और रहेंगे, फिर क्यों टूटा मुलायम के बेटे से मोह
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मुलायम सिंह यादव 1974 में भारतीय लोकदल में शामिल हो गए। इसी पार्टी में क्रांति दल का विलय हो गया था। इसे भी पढ़ें- ‘अखिलेश यादव के लिए मेरी पार्टी के दरवाजे खुले हैं’, राजा भैया ने मुलायम सिंह यादव के बेटे को दिया था ऑफर
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1987 में चौधरी चरण सिंह की मृत्यु के बाद अजित सिंह से उनका टकराव हुआ तो पार्टी दो धड़ों में बंट गई। 1989 में ही उन्होंने अपने धड़े के लोकदल का विलय वीपी सिंह के जनता दल में कर दिया
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साल 1989 में विधानसभा चुनाव हुए तो दिसंबर महीने में मुलायम सिंह यादव पहली बार जनता दल से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए।
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मुलायम की सरकार ज्यादा नहीं चली और उन्होंने साल 1990 में ही वीपी सिंह का साथ छोड़कर चंद्रशेखर के साथ समाजवादी जनता पार्टी की नींव डाली। इसे भी पढ़ें- मुलायम सिंह यादव के खिलाफ तीन विधानसभा से जब उतरे थे तीन और मुलायम, नाम से उलझाने की थी राजनीति
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साल 1992 में मुलायम सिंह यादव ने खुद की पार्टी समाजवादी पार्टी बनाई और 1993 में बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर यूपी में सरकार बनाई और दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। Photos: PTI and Social Media
