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दीवाली का पर्व खुशियों, रोशनी और उमंग का प्रतीक है। दीपों की रोशनी, मिठाइयों की खुशबू और परिवार व दोस्तों का साथ, यह सब दिवाली को खास बनाता है। लेकिन इस में पटाखों का इस्तेमाल और उनसे होने वाला प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन जाता है। पटाखों में मौजूद हानिकारक रसायन जैसे तांबा, कैडमियम, सल्फर, एल्युमिनियम और बोरियम हवा में घुलकर उसको जहरीला बना देते हैं। पटाखों के जलने से निकलने वाला धुआं हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकते हैं। चलिए जानते हैं कि पटाखों से होने वाला प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य पर किस तरह से असर डालता है। (Photo Source: Pexels)
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फेफड़ों के लिए खतरा
पटाखों के धुएं में शामिल हानिकारक कण और गैसें सीधे हमारे फेफड़ों पर असर डालती हैं। लंबे समय तक इस धुएं में सांस लेने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। धुएं में मौजूद कण हमारे श्वसन तंत्र (Respiratory System) को प्रभावित करते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत, खांसी और सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। (Photo Source: Pexels) -
स्किन डिजीज और एलर्जी
पटाखों से निकलने वाले धुएं में मौजूद केमिकल स्किन पर भी असर डालते हैं। इससे त्वचा में खुजली, जलन और लालिमा हो सकती है। सेंसिटिव स्किन वाले लोगों को रैशेज, एक्जिमा और अन्य स्किन संबंधी समस्याएं होने का खतरा अधिक रहता है। दिवाली के दौरान हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं और इसे बेजान बना सकते हैं। (Photo Source: Freepik) -
आंखों की समस्याएं
पटाखों का धुआं और उसमें मौजूद हानिकारक गैसें आंखों में जलन, लाली और खुजली पैदा कर सकती हैं। कई बार तो यह स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि डॉक्टर से परामर्श लेना पड़ता है। धुएं के संपर्क में आने से आंखों में सूजन भी हो सकती है।(Photo Source: Freepik) -
दिल पर बुरा असर
धुएं में मौजूद जहरीले तत्व दिल के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। यह ब्लड प्रेशर को बढ़ाने, धमनियों को संकीर्ण करने और दिल संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। हृदय रोग से ग्रस्त लोगों को पटाखों के धुएं से दूर रहने की सलाह दी जाती है। (Photo Source: Freepik) -
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
पटाखों का शोर मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह काफी तनावपूर्ण होता है। साथ ही, ध्वनि प्रदूषण के कारण नींद में खलल पड़ सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। (Photo Source: Freepik) -
वातावरण में प्रदूषण
पटाखों से निकलने वाला धुआं पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इससे हवा में मौजूद हानिकारक कणों की मात्रा बढ़ जाती है, जो पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों और जल स्रोतों पर नकारात्मक असर डालते हैं। (Photo Source: Pexels) -
इन सभी समस्याओं से बचने के लिए पटाखों के बजाय दीयों, मोमबत्तियों और सजावट के साथ दिवाली मनाना बेहतर विकल्प है। यह न केवल पर्यावरण को बचाने का एक तरीका है बल्कि इसे और अधिक सुंदर और हर्षोल्लास से भरा बनाता है। हालांकि, जो लोग पटाखे जलाने के शौकीन हैं, वे बाजार में उपलब्ध ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो सामान्य पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं। (Photo Source: Pexels)
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