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अखिलेश यादव ने राजा भैया के लिए सपा के दरवाजे बंद कर दिए थे और चुनावी जनसभाओं में खुलकर राजा भैया की आलोचना की थी। अखिलेश ने कहा था कि राजा भैया ने क्षत्रियों के प्राण जाए पर वचन न जाए का भी मान नहीं रखा। हालांकि, राजा भैया ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि वह मुलायम सिंह यादव के अहसान को नहीं भूले और अखिलेश यादव के वह विरोधी भी नहीं हैं, बल्कि बसपा से उनका सैद्धांतिक विरोध रहा है और इस कारण वह सपा के साथ खड़े नहीं थे।
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कुंडा के विधायक राजा भैया पर अखिलेश यादव ने उनके ही गढ़ में जाकर उन्हें ललकारा था और कहा था कि कुंडा जोन में किसी दूसरे दल के प्रत्याशियों को कोई सुनने या देखने नहीं आता था, लेकिन अब यह जोन का तिलिस्म टूट गया है। इसे भी पढ़ें- राजा भैया का इस विधायक ने तोड़ा था रिकॉर्ड, बीजेपी को जिसके जीतने पर था कभी संशय
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अखिलेश ने कहा था कि अब कुडा में लोग सुनेंगे भी और देखेंगे भी। मुलायम के बेटे ने कहा था कि अब जब वोट पड़ेंगे तो राजा भैया को सब पता चल जाएगा। इसे भी पढ़ें-मायावती ने राजा भैया का यूपी की जगह एमपी में कराया था कोर्ट ट्रायल, बसपा सुप्रीमो को था इस बात का डर
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इन सब सवालों पर राजा भैया ने एक इंटरव्यू में कहा था कि सपा या अखिलेश यादव की जरूत उन्हें नहीं है। इसे भी पढ़ें-राजा भैया को लेकर जब पंजाब विधानसभा में मचा था हंगामा, कुंडा के कुंवर को लेकर भिड़ गए थे अकाली दल और कांग्रेस
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राजा भैया ने कहा था कि उनकी अपनी खुद की जनसत्ता दल लोतांत्रिक पार्टी है और अखिलेश यादव के लिए उनकी पार्टी के दरवाजे खुले हैं।
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अखिलेश और राजा भैया के बीच की असल दूरी की वजह मायावती रही थीं। इस पर राजा भैया ने साफ किया था कि जहां बसपा होगी वह वहां नहीं रह सकते हैं।
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राजा भैया ने अखिलेश यादव के क्षत्रिय वचन के कमेंंट पर कहा था कि वह अपने वचन और बयान पर कायम हैं और अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते। इसे भी पढ़ें-राजा भैया की वादा खिलाफी पर मायावती ने जब अखिलेश यादव की चुटकी लेते हुए कहा था- कुंडा का गुंडा मेरी सरकार में लाइन पर आ गया था
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Photos: PTI
