-
अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। मुकेश अंबानी और नीता अंबानी दोनों की शादी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता हैं जिसके लिए वो हर वो कोशिश कर रहे हैं जो एक माता-पिता को करना चाहिए। (ANI)
-
लेकिन अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी से पहले अंबानी परिवार ने कई परंपराओं को तोड़ा है। ऐसे में क्या ये समाज में कोई बदलाव ला पाएगा या नहीं। आइए डालते हैं एक नजर: (Indian Express)
-
अब तक हमने यही देखा है कि शादी से जुड़ी लगभग सारी तैयारियां और रस्में लड़की के घर वालों पर थोपा जाता रहा है। लेकिन अंबानी फैमिली ने इस रिवाज को तोड़ते हुए अब तक किए गए सारे फंक्शन को खुद ही अरेंज किया है। सिर्फ गृह शांति पूजा को छोड़कर। (PTI)
-
लड़के वाले जब बारात लेकर जाते हैं तो लॉन से लेकर अन्य सारी तैयारियां लड़की के घरवालों को करते देखा गया है। लेकिन अंबानी परिवार ये शादी भी मुंबई के जियो कन्वेंशन सेंटर में कर रही है और जाहिर है कि इसका सारा खर्चा भी मुकेश अंबानी खुद ही उठाएंगे। ये बेहद सराहनीय है और समाज के लिए आईना है कि सिर्फ लड़की वालों की जिम्मेदारी नहीं होती है। (PTI)
-
लड़की जब विदा होती है तो पिता लड़के के घरवालों से कहते हैं कि हम आपको बहू नहीं बेटी दे रहे हैं। लेकिन अधिकतर बहुओं को बेटी मानने की बात सिर्फ जुबानी ही देखी गई है। अंबानी परिवार ने इस परंपरा को भी तोड़ा है। अबतक राधिका हर फंक्शन में नजर आईं हैं। ये सम्मान की बात है और समाज को इससे सीखना चाहिए। (@viralbhayani/Insta)
-
रिश्ता तय होने के बाद अंबानी परिवार अपने होने वाली बहू को हर काम और रस्म में आगे रखा। आमतौर पर शादी के बाद लड़के वाले लड़की के गहने अपने पास रख लेते हैं। लेकिन शादी से पहले ही राधिका मर्चेंट अपनी होने वाली सास नीता अंबानी और ननद ईशा अंबानी के गहने पहने नजर आईं। यहां तक कि ईशा और आकाश अंबानी की शादी में राधिका ने ईशा का डायमंड हार पहना था। (PTI)
-
अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी का कार्ड भी बेहद ही खास है। अगर सही से इसे देखेंगे तो इसमें पुरुषों से पहले अंबानी खानदान की महिलाओं का नाम लिखा नजर आएगा। अब तक हमने यही देखा है कि शादी के कार्ड में पुरुषों का नाम होता है और महिलाओं का नाम बाद में आता है लेकिन शायद ऐसा पहली बार हुआ है। (ANI/Twitter)
-
ये परंपरा समाज को आईना दिखाती है खासकर रूढ़िवादी और पितृसत्तामक सोच वालों के लिए। शायद ये एक नई शुरुआत है जो आने वाले समय में कई बदलाव लेकर आएगी और बहू बेटी में फर्क करने वालों की सोच बदलेगी। (PTI)
