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बसपा सुप्रीमाे मायातवी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच राजनैतिक ही नहीं पारिवारिक संबंध भी खत्म हो चुका है और मायावती की ओर से इसकी पहल हुई है। अखिलेश यादव और मायावती के बीच जब साल 2019 में गठबंधन हुआ था तो ये राजनैतिक के साथ पारिवारिक भी था। मायावती ने डिंपल को कन्नौज में बहू कहा था और डिंपल ने भी बुआ सास के पैर छूकर आशीर्वाद लिए थे।
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पिछले लोकसभा में हार के बाद बसपा और सपा ने गठबंधन तोड़ लिया था। राजनैतिक रूप से अलग होने के बाद मायावती ने अखिलेश से पारिवारिक रिश्ते को भी टाटा-बाय-बाय कर दिया। इसे भी पढ़ें- 24 साल बाद जब मुलायम के बेटे अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की जमकर मायावती ने की थी तारीफ
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मायावती और डिंपल का जन्मदिन एक ही दिन पड़ता है। 2019 में 15 जनवरी को डिंपल और मायावती ने एक साथ जन्मदिन की बधाई दी और मायावती ने उनके लिए फूल और केक भी भेजा था। अखिलेश ने राजनैतिक संबंध को बल देने के लिए मायावती का जन्मदिन को पत्नी के जन्मदिन से ज्यादा महत्व दिया था।
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डिंपल ने अपना जन्मदिन सादगी से कार्याकताओं के साथ मनाया था। इसे भी पढ़ें-राजा भैया की वादा खिलाफी पर मायावती ने जब अखिलेश यादव की चुटकी लेते हुए कहा था- कुंडा का गुंडा मेरी सरकार में लाइन पर आ गया था
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मायावती ने अपना जन्मदिन हर बार की तरह आलिशान तरीके से मनाया था और अखिलेश ने मायावती को जन्मदिन पर विशेष बधाई दी थी। इसे भी पढ़ें-‘बीजेपी में दो लॉबी करती थी काम’, मायावती ने अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी से जुड़ा खोला था राज
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गठबंधन टूटने के बाद भी अखिलेश ने मायावती को साल 2020 में जन्मदिन की नपे-तुले शब्दों में ही बधाई जरूर दी थी, लेकिन मायावती ने शिष्टाचार को दरकिनार का अखिलेश को इसका जवाब भी नहीं दिया था।
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अखिलेश यादव ने बीबीसी के साथ बातचीत में कहा कि मायावती को बधाई देने के पीछे कोई राजनैतिक कारण नहीं था। मायावती के जवाब न देने पर अखिलेश ने कहा कि आज के बाद वह कभी मायावती को जन्मदिन की बधाई नहीं देंगे।
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अखिलेश ने कहा कि जन्मदिन पर बधाई देना एक शिष्टाचार है और वह मायावती से केवल राजानैतिक रूप से नहीं जुड़े थे। उन्हें बुआ कहा था तो वह उस रिश्ते का सही मायने में सम्मान करते थे।
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Photo: PTI
