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अक्षय कुमार बड़े परदे पर सम्राट पृथ्वीराज चौहान से लेकर पैडमैन में अरुणाचलम मुरुगनंथम तक जैसे कई प्रसिद्ध भारतीयों का किरदार निभा चुके हैं। अब वो केसरी 2 में एक तेज तर्रार वकील की भूमिका में नजर आएंगे। (Photo: Akshay Kumar/Insta)
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साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म केसरी सारागढ़ी के ऐतिहासिक युद्ध से प्रेरित थी जिसमें उन्होंने ईशर सिंह की भूमिका निभाई थी। ईशर सिंह रेजिमेंट के एक बहादुर योद्धा थे जिन्होंने ब्रिटिश चौकी को बचाने के लिए 10 हजार से अधिक अफगानियों को खदेड़ दिया था। (Photo: Still From Film Teaser)
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अब ‘केसरी 2’ में वो भी उनका किरदार बेहद ही धमाकेदार होने वाला है। फिल्म का टीजर 1919 के क्रूर जलियांवाला बाग हत्याकांड से शुरू होता है। इसी फिल्म में अक्षय कुमार एक वकील की भूमिका में नजर आएंगे। (Photo: Still From Film Teaser)
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अक्षय कुमार जिस अधिवक्ता की भूमिका निभा रहे हैं वो ब्रिटिश काल के जाने-माने वकील सर चेत्तूर शंकरन नायर थे। आइए जानते हैं नायर के बारे में: (Photo: Still From Film Teaser)
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सर चेत्तूर शंकरन नायर का जन्म मालाबार के पल्लकड़ जिले के एक धनी परिवार में हुआ था। सीएस नायर जाने माने भारतीय वकील होने के साथ ही राष्ट्रवादी और राजनेता भी थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शुरुआती वर्षों में सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने। 1912 में, उन्हें ब्रिटिश ताज द्वारा नाइट की उपाधि दी गई। (Photo: Still From Film Teaser/Wikipedia)
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जलियांवाला बाग हत्याकांड के समय, सीएस नायर शिक्षा मंत्री और वायसराय की कार्यकारी परिषद में एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत थे। नरसंहार के पैमाने और दंड से मुक्ति ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। (Photo: Indian Express) कौन हैं भारतीराजा के बेटे जिनके निधन पर साउथ सिनेमा में छाया मातम, फैमिली में कौन-कौन है?
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जिस तरह जलियांवाला हत्याकांड के बाद रवींद्रनाथ टैगोर ने इसके विरोध में अपनी नाइटहुड की उपाधि त्याग दी थी। उसी तरह सीएस नायर ने ब्रिटिश सरकार की कार्रवाइयों पर अपना पक्ष रखा और विरोध करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। (Photo: Indian Express)
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उनके इस्तीफे ने अंग्रेजी शासन को चौंका दिया था। हाल यह हुआ कि पंजाब में मार्शल लॉ को हटाने जैसे तत्काल परिवर्तन हुए। सी.एस. नायर ने बाद में एक किताब लिखी, गांधी और अराजकता (1922), जिसमें उन्होंने नरसंहार के दौरान पंजाब की लेफ्टिनेंट सरकार माइकल ओ’डायर की आलोचना की। (Photo: Indian Express)
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इसके बाद डायर ने उन पर मानहानि का मुकदमा दायर किया, जो तब तक पंजाब से बर्खास्त होने के बाद इंग्लैंड लौट चुका था। यह वही मामला है, ओ’डायर बनाम नायर, जिसकी लंदन में उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। (Photo: Still From Film Teaser)
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सुनवाई पांच सप्ताह से अधिक समय तक चली, जो कानूनी इतिहास की सबसे लंबी नागरिक सुनवाई में से एक थी जो डायर के पक्ष में हुई। सर नायर के सामने दो विकल्प था या तो जो डायर से माफी मांगे या फिर 500 पाउंड हर्जाना दें। लेकिन उन्होंने 500 पाउंड हर्जाना देना का विकल्प चुना। (Photo: Still From Film Teaser) नेटफ्लिक्स पर दहाड़ रही हैं ये 10 फिल्में, दसवीं फिल्म कई महीने से बनी है सबकी फेवरेट