आश्चर्य की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी यह सुनिश्चित नहीं करते कि उनकी मां उनके साथ ही रहें। क्या यह एक बेटे का कर्तव्य नहीं है कि वह अपनी मां की देखभाल करे? मोदी 12 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे लेकिन उस समय और अब भी वह अपनी मां को अपने घर लेकर नहीं आए हैं। पिछले साल नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह में भी वह अपनी मां को नहीं लाए। – आनंद शर्मा, कांग्रेस प्रवक्ता (फोटो: एक्सप्रेस आर्काइव) कांग्रेस ने घटिया और दयनीय टिप्पणी कर इस मामले को व्यक्तिगत बना दिया जब प्रधानमंत्री अपनी मां के कामों का स्मरण कर रहे थे। वह अपनी मां का आदर करते हैं। चुनावी विजय के बाद वह उनके चरण स्पर्श करने गए थे। यह कांगे्रस से बिल्कुल उलट है जहां एक मां ने पार्टी को तबाह कर दिया और वह अपने अयोग्य पुत्र के प्रति अपने मोह के चलते राष्ट्र को तबाह करने का प्रयास कर रही हैं। – एमजे अकबर, भाजपा प्रवक्ता (फोटो: एक्सप्रेस आर्काइव) -
विदेश की धरती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रियंका और वाड्रा पर निशाना साधा तो कांग्रेस ने मां के मुद्दे पर महाभारत छेड़ दिया। पलटवार करते हुए भाजपा ने फिर राहुल पर हमला बोल दिया। (फोटो: एक्सप्रेस आर्काइव)