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बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना हेमा मालिनी ने लगभग चार दशक के करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया लेकिन करियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा था, जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। (फोटो: एक्सप्रेस आर्काइव)
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ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता-निर्देशक ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें लेकर 1973 में 'गहरी चाल' फिल्म का निर्माण किया।
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हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के आमानकुंडी में हुआ था। उनकी मां जया चक्रवर्ती फिल्म निर्माता थीं। घर में फिल्मी माहौल होने से उनका झुकाव भी फिल्मों की ओर हो गया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई से पूरी की। वर्ष 1961 में उन्हें एक लघु नाटक 'पांडव वनवासम' में बतौर नर्तकी काम करने का अवसर मिला। (फोटो: एक्सप्रेस आर्काइव)
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वर्ष 1968 में हेमा मालिनी को सर्वप्रथम राजकपूर के साथ फिल्म 'सपनों का सौदागर' में काम करने का मौका मिला। फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा मालिनी को 'ड्रीम गर्ल' के रूप में प्रचारित किया गया। बदकिस्मती से फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने पसंद कर लिया।
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हेमा मालिनी को पहली सफलता वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' से हासिल हुई। इसमें उनके साथ अभिनेता देवानंद मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में उनकी जोड़ी को दर्शकों ने सिर आंखों पर लिया और फिल्म सुपरहिट रही। इसके बाद रमेश सिप्पी की वर्ष 1971 में प्रदर्शित फिल्म 'अंदाज' में भी हेमा मालिनी ने अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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वर्ष 1972 में हेमा मालिनी को रमेश सिप्पी की ही फिल्म 'सीता और गीता' में काम करने का अवसर मिला, जो उनके सिने करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म की सफलता के बाद वह शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचीं। उन्हें इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
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परदे पर हेमा मालिनी की जोड़ी धर्मेन्द्र के साथ खूब जमी। यह फिल्मी जोड़ी सबसे पहले फिल्म 'शराफत' से चर्चा में आई। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म 'शोले' में धर्मेन्द्र ने वीर और हेमामालिनी ने बसंती की भूमिका में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
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हेमा और धर्मेन्द्र की यह जोड़ी इतनी अधिक पसंद की गई कि धर्मेन्द्र की रील लाइफ की 'ड्रीम गर्ल' हेमामालिनी उनके रीयल लाइफ की ड्रीम गर्ल बन गईं। बाद में इस जोड़ी ने 'ड्रीम गर्ल', 'चरस', 'आसपास', 'प्रतिज्ञा', 'राजा जानी', 'रजिया सुल्तान', 'अली बाबा चालीस चोर', 'बगावत', 'आतंक', 'द बर्निंग ट्रेन', 'दोस्त' आदि फिल्मों में एक साथ काम किया।
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वर्ष 1990 में हेमा मालिनी ने छोटे पर्दे की ओर भी रुख किया और धारावाहिक नूपुर का निर्देशन भी किया। इसके बाद वर्ष 1992 में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को लेकर उन्होंने फिल्म 'दिल आशना है' का निर्माण और निर्देशन किया। वर्ष 1995 में उन्होंने छोटे पर्दे के लिए 'मोहिनी' का निर्माण और निर्देशन किया।
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फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद हेमा मालिनी ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया और भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्य सभा की सदस्य बनीं। वर्ष 2000 में वह पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित की गयीं। हेमा मालिनी ने अपने चार दशक के सिने करियर में लगभग 150 फिल्मों में काम किया। हेमा मालिनी मथुरा संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंची है। हेमा मालिनी इन दिनों शिमला मिर्च में काम कर रही है। (फोटो: एक्सप्रेस आर्काइव)
